पेट्रोल-डीजल पर सरकार का बड़ा फैसला, जानें आप पर क्या पड़ेगा असर
Petrol Diesel Export Ban: बाजार में पेट्रोल-डीजल की कमी न हो इसे देखते हुए सरकार ने डीजल-पेट्रोल के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध बढ़ा दिया है। सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में यह बात कही गई है।
Petrol Diesel Export:भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल का कंज्यूमर है।
बैन कब तक रहेगा यह तय नहीं
सरकार का नया आदेश शनिवार को जारी किया गया है। नया ऑर्डर कब तक प्रभावी रहेगा इस पर सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन में कुछ भी नहीं स्पष्ट किया गया है। नए ऑर्डर के अनुसार रिफाइनरी कंपनियों को गैसोलीन एक्सपोर्ट्स के अपने एनुअल वैल्यूम का 50 प्रतिशत और डीजल का 30 प्रतिशत घरेलू मार्केट में बेचना होगा। इस साल 4 मार्च से, डीजल के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स को घटाकर सबसे कम 0.50 रुपये प्रति लीटर और जेट ईंधन (ATF) पर टैक्स शून्य कर दिया गया था, जबकि घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर मामूली वृद्धि की गई थी। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि प्रतिबंधों को कुछ भारतीय रिफाइनर, मुख्य रूप से निजी कंपनियों को फिर से निर्यात के लिए रूसी ईंधन खरीदने से रोकने में मदद कर सकता है।
एक्सपोर्ट पर बैन लगने की यह थी वजह
भारतीय कंपनियां यूरोप सहित उन देशों को ईंधन निर्यात कर रही हैं जिन्होंने यूक्रेन पर आक्रमण के कारण रूस से रिफाइंड उत्पाद खरीदना बंद कर दिया है। पिछले साल सरकार ने यह कड़ा फैसला तब किया जब गैर-सरकारी रिफाइनरी कंपनियों ने फायदे के लिए घरेलू बाजार की जगह बाहरी मार्केट में तेल बेचना शुरू कर दिया था। जिस वजह से सरकारी कंपनियों को देश में सप्लाई बनाए रखने के लिए सरकार की तय कीमत से सस्ता तेल बेचना पड़ा था।
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