Forex Reserve And FII Selling: 3 हफ्ते की गिरावट के बाद विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा, विदेशी निवेशकों ने की रिकॉर्ड बिकवाली
Forex Reserve And FII Selling: तीन सप्ताह की गिरावट के बाद देश का विदेशी मुद्रा भंडार तीन मई को समाप्त सप्ताह में 3.67 अरब डॉलर बढ़कर 641.59 अरब डॉलर हो गया। इस बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों का शेयर बाजार से पैसे निकालने का सिलसिला जारी है। इस हफ्ते 5 कारोबारी दिनों में उन्होंने 18 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली की है।
शेयर बाजार का ताजा हाल
Forex Reserve And FII Selling: पिछले तीन सप्ताह की गिरावट के बाद देश का विदेशी मुद्रा भंडार तीन मई को समाप्त सप्ताह में 3.67 अरब डॉलर बढ़कर 641.59 अरब डॉलर हो गया।इससे पहले, 26 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.41 अरब डॉलर घटकर 637.92 अरब डॉलर रहा था। यह कई सप्ताह की तेजी के बाद पांच अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 648.56 अरब डॉलर के नये सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। इस बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों का शेयर बाजार से पैसे निकालने का सिलसिला जारी है। इस हफ्ते 5 कारोबारी दिनों में उन्होंने 18 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली की है। जो कि पिछले 16 हफ्तों की सबसे बड़ी बिकवाली है।
विदेशी मुद्रा भंडार का हाल
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, तीन मई को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 4.46 अरब डॉलर बढ़कर 564.16 अरब डॉलर रही। इस दौरान गोल्ड रिजर्व भंडार का मूल्य 65.3 करोड़ डॉलर घटकर 54.88 अरब डॉलर रहा। इसी तरह विशेष आहरण अधिकार (SDR) 20 लाख डॉलर बढ़कर 18.05 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत की आरक्षित जमा 14 करोड़ डॉलर घटकर 4.49 अरब डॉलर हो गया है।
विदेशी संस्थागत निवेशक क्यों निकाल रहे हैं पैसा
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को FPI ने 25.4 करोड़ डॉलर (करीब 2,100 करोड़ रुपये) की इक्विटी बेची। हालांकि, दूसरी ओर घरेलू संस्थागत निवेशकों ने कारोबारी हफ्ते के दौरान 2 अरब डॉलर से कुछ अधिक की खरीदारी की, जिससे बाजार को कुछ राहत मिली। और पूरे 5 कारोबारी सत्र में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 18,380 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली की है। इसके पहले बृहस्पतिवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 6,994.86 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की।मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, "विदेशी संस्थागत निवेशकों की भारी बिकवाली और लोकसभा चुनावों के नतीजों को लेकर आशंकाएं हावी होने से बाजार में बिकवाली का दबाव बना हुआ है। हालांकि कुछ दिग्गज कंपनियों के तिमाही नतीजों से रफ्तार मिल रही है।
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