Times Now Summit 2024: आज भारत डिजिटल शक्ति, इन सुधारों से 8 फीसदी ग्रोथ और 55 ट्रिलियन इकोनॉमी का खुलेगा रास्ता- कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन

Times Now Summit 2024: टाइम्स नाउ समिट- इंडिया अनस्टॉपेबल (India Unstoppable) के मंच पर दूसरे दिन इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन जुड़े। डॉ. कृष्णमूर्ति ने भारत की जीडीपी ग्रोथ और इकोनॉमी से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि 8 फीसदी की ग्रोथ के लिए रिफॉर्म जरूरी हैं।

IMF executive director Krishnamurthy Subramanian in Times Now Summit 2024

IMF executive director Krishnamurthy Subramanian in Times Now Summit 2024

Times Now Summit 2024: टाइम्स नाउ समिट- इंडिया अनस्टॉपेबल (India Unstoppable) के मंच पर दूसरे दिन इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन जुड़े। ईटीनाउ के मैनेजिंग एडिटर एंड बिजनेस हेड मिहिर भट्ट से बात करते हुए डॉ. कृष्णमूर्ति ने भारत की जीडीपी ग्रोथ और इकोनॉमी से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत आज के समय में एक डिजिटल शक्ति बन चुका है और इसका फायदा आम लोगों को मिल रहा है। डॉ. कृष्णमूर्ति ने बताया कि भारत कैसे 8 फीसदी की ग्रोथ दर को हासिल कर सकता है और 2047 तक 55 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन सकता है।

8 फीसदी ग्रोथ के लिए बड़े रिफॉर्म जरूरी

डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा कि अगर हम भारत की ग्रोथ को 90 के दशक से देखें, तो ग्रोथ की औसत दर 7 फीसदी रही है। अगर हमें 8 फीसदी की विकास दर हासिल करनी है, तो पॉलिसी में रिफॉर्म की जरूरत है। पिछले एक दशक में हमने बड़े आर्थिक सुधार किए हैं, उसे अगर डबल किया जाए तो मौजूदा ग्रोथ दर को बरकरार रखा जा सकता है और आसानी से 8 फीसदी की ग्रोथ को भी हासिल कर सकते हैं। साथ ही भारत अपने 100 साल पर 55 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन सकता है। जल्द ही डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन की इंडिया एट 100 नाम से एक किताब भी आने वाली है।

डॉ. कृष्णमूर्ति ने कहा कि पिछले 10 साल में भारत की प्रोडक्टिविटी ग्रोथ 2.7 फीसदी रही है, जो 2003 से 2013 के बीच 1.3 फीसदी थी। हमें प्रोडक्टिविटी ग्रोथ में दोगुनी बढ़ोतरी देखने को मिली है।

किस सेक्टर में रिफॉर्म की जरूरत

डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा कि लेबर लॉ रिफॉर्म बेहद जरूरी है। इस रिफॉर्म के लागू होने से मैन्यूफैक्चरिंग में बढ़ोतरी देखने को मिलेगा, जिससे देश की इकोनॉमी की रफ्तार बरकरार रहेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि सेक्टर में भी रिफॉर्म की जरूरत है, जिससे देश के छोटे किसानों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि ज्यूडिशियरी, ब्यूरोक्रेसी और बैकिंग में भी रिफॉर्म की जरूरत है।

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