Times Now Summit 2024: भारत विकासशील देश का एक दुर्लभ उदाहरण, आने वाली नई सरकार को करने चाहिए ये बड़े सुधार- अरविंद पनगढ़िया

Times Now Summit 2024: टाइम्स नाउ समिट- इंडिया अनस्टॉपेबल (India Unstoppable) के मंच पर वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने शिरकत की। उन्होंने देश की इकोनॉमी ग्रोथ पर अपने विचार साझा किया। उन्होने कहा कि भारत एक विकासशील देश का एक दुर्लभ उदाहरण है, जिसने 75 वर्षों से अधिक समय से लोकतंत्र को कायम रखा है।

Arvind Panagariya in Times Now Summit 2024

Arvind Panagariya in Times Now Summit 2024

Times Now Summit 2024: टाइम्स नाउ समिट- इंडिया अनस्टॉपेबल (India Unstoppable) के मंच पर 16वें वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने शिरकत की। उन्होंने देश की इकोनॉमी ग्रोथ पर अपने विचार साझा किया। मुझे लगता है कि भारत की मौजूदा स्थिति के लिए दो-तीन फैक्टर अहम हैं। भारत आज के लीडिंग पावर बनने की राह पर है। यह एक विकासशील देश का एक दुर्लभ उदाहरण है, जिसने 75 वर्षों से अधिक समय से लोकतंत्र को कायम रखा है। ईटीनाउ के मैनेजिंग एडिटर एंड बिजनेस हेड मिहिर भट्ट से बात करते हुए अरविंद पनगढ़िया ने देश की इकोनॉमी और रिफॉर्म पर अपने विचार लोगों के सामने रखे।

इकोनॉमी रिफॉर्म बरकरार

उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह एक बेहतरीन समय है और हमने पिछले 30 साल से अधिक समय से देश में इकोनॉमी रिफॉर्म को बरकरार रखा है। इसमें हमारी लीडरशिप का अहम रोल है। मौजूदा केद्र की सरकार ने देश की ग्रोथ में मजबूत भूमिका निभाई है।

नई सरकार को करना चाहिए ये काम

अरविंद पनगढ़िया ने यह भी बताया कि आने वाली देश की नई सरकार को क्या प्रमुखता से करना चाहिए, जिससे देश की विकास की रफ्तार बरकरार रहे। उन्होंने कहा कि सबसे पहले नई सरकार को लेबर कानून को लागू करना चाहिए। हालांकि, इसे लागू करने के बाद कुछ अन्य रिफॉर्म की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन यह जरूरी है। सरकार को अपने तीन चार स्ट्रैटजिक की पहचान करनी चाहिए।

सरकारी बैंकों का एनपीए

सरकारी बैंकों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल पब्लिक सेक्टर के बैंक अच्छी स्थति में हैं। लेकिन आने वाली सरकार को ध्यान देना चाहिए कि बैंकों का एनपीए काबू में रहे। क्योंकि हर बार बैकों का एनपीए बढ़ता है फिर सरकार दखल देकर उसे क्लियर करती है।

जमीन की बढ़ती कीमतें

अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि आने वाले समय में जमीन की कीमतें विकास की राह में चुनौती बन सकती हैं। क्योंकि जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। खासकर के शहरी इलाकों में। किसी भी इंडस्ट्री को लगाने के लिए जमीन की जरूरत पड़ती और इसकी बढ़ती कीमत मुश्किल पैदा कर सकती है। उन्होंने कहा कि आने वाले में बड़े पैमाने पर शहरीकरण देखने को मिलेगा। कृषि के क्षेत्र में रिफॉर्म को लेकर उन्होंने कहा कि इस सेक्टर में रिफॉर्म धीरे-धीरे हो रहे हैं और कुछ राज्य रिफॉर्म कर रहे हैं।

...और आसान हो कारोबार करना

उन्होंने की देश में आने वाली नई सरकार को इस चीज पर फोकस करना चाहिए कि हमारे यहां कारोबार बढ़े। क्योंकि हम अभी भी कारोबार के लिए भी मुश्किल जगह बने हुए हैं। घरेलू और विदेशी दोनों के लिए ही। हालांकि, पीएम मोदी ने इस क्षेत्र में काम किया है। लेकिन नई सरकार को चीजों को और आसान करने जरूर होगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि टैक्सेशन को लेकर भी शिकायतें रहती हैं। इसपर भी काम करने की जरूरत है। ताकी घरेलू और विदेशी कारोबारियों को भारत में बिजनेस करने में आसानी हो सके।

निजीकरण और ग्रोथ

उन्होंने कहा कि सरकार को अगले कार्यकाल में निजीकरण पर जोर देना चाहिए। उसे कुछ गिने-चुने क्षेत्रों को छोड़कर बाकी सेक्टर से निकल जाना जाहिए। हम पिछले 20 साल से औसतन 7 फीसदी की ग्रोथ हासिल कर रहे हैं। मेरे अनुसार भारत दुनिया की सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला लोकतंत्र है। और हम इस यात्रा के सबसे बेहतरीन उदाहरण हैं। भारत अगर सुधारों को लागू करता हैं तो डबल डिजिट ग्रोथ संभव है।

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