IEC2023: G20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा भारत तय कर रहा एडेंडा और दुनिया कर रही रेस्पोंड

अमिताभ के मुताबिक रूस-यूक्रेन एक अहम मुद्दा है, मगर कोविड ने 20 करोड़ों को गरीबी रेखा के नीचे ला दिया है। 10 करोड़ों लोगों की नौकरी चली गई। 75 देश दुनिया भर में कर्ज संकट का सामना कर रहे हैं।

इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव

मुख्य बातें
  • जी20 के लिए भारत तय कर रहा एजेंडा
  • इस बार का जी20 यूनीक
  • कोविड ने करोड़ों लोगों को किया बेरोजगार

IEC 2023:इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2023 (IEC 2023) के पहले दिन भारत के जी-20 (G-20) शेरपा अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने राहुल शिवशंकर (Editor-in-Chief - Times Now and Editorial Director) के बातचीत की। हमने देश के 50 से अधिक शहरों में 115 से अधिक मीटिंग की हैं। हमें करीब 60 शहरों में 220 मीटिंग करनी हैं। इससे जी-20 देश के लोगों और हर राज्य तक पहुंचेगा। ये पीपल्स जी-20 (People's G-20) प्रेसिडेंसी जैसा है। इससे बढ़कर हमने राज्यों को उनकी आर्ट, क्राफ्ट, कल्चर आदि को दिखाने का मौका दिया है। ये बाकी देशों में हुए जी-20 समिट से अलग और यूनीक है।

भारत तय कर रहा एजेंडा

राहुल ने पूछा कि भारत विश्वगुरु बनने की ओर बढ़ रहा है तो मजबूत देशों का एक ग्रुप कैसे हमें ये समझने में मदद कर सकता है? इस पर अमिताभ ने कहा कि अगर आप पिछले 5-6 दशकों पर नजर डालें तो हमने एक एजेंडे पर प्रतिक्रिया दी है, जो विकसित दुनिया ने सेट किया है। पर अब पहली बार भारत जी-20 के लिए एजेंडा तय कर रहा है, जिनकी दुनिया की कुल जीडीपी में 85 फीसदी भागीदारी है।

अब हम एजेंडा सेट कर रहे हैं और दुनिया उस पर रेस्पोंड कर रही है। अमिताभ कांत ने कहा कि हमारा एजेंडा इमर्जिंग मार्केट का ध्यान रख रहा है। हमारा एजेंडा विश्व के लिए है।

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