BYD का ईवी के लिए करना चाहती है 1 अरब डॉलर का निवेश, लेकिन भारत को इस बात से है दिक्कत

BYD Chinese EV Maker: चीन की इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनी BYD के भारत में प्लांट स्थापित करने और 1 अरब डॉलर निवेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलना मुश्किल दिख रहा है।

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BYD भारत में प्लांट स्थापित करने की तैयारी में

BYD Chinese EV Maker: चीन की इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनी BYD के भारत में प्लांट स्थापित करने और 1 अरब डॉलर निवेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलना मुश्किल दिख रहा है। रिपोर्ट के अनुसार भारत सुरक्षा चिंताओं के कारण चीनी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता BYD को देश में प्लांट लगाने की अनुमति देने का इच्छुक नहीं है। कथित तौर पर BYD ने एक स्थानीय कंपनी के साथ साझेदारी में भारत में इलेक्ट्रिक कार और बैटरी बनाने के लिए 1 अरब डॉलर का निवेश प्रस्ताव पेश किया है।

सुरक्षा को देखते लिया जा रहा ये फैसला

ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा संबंधी चिंताओं को देखते हुए विदेशी कंपनियों को भारतीय बाजार से बाहर रखने के सरकार के रुख के मद्देनजर चीनी कंपनियों के प्रवेश को लेकर गृह और विदेश मंत्रालय में बेचैनी है। विदेशी कंपनियों के भारत में कदम रखने के लिए स्थानीय कंपनियों के साथ करार करना होता है। कुछ मामलों में ऐसा देखा गया है कि स्थानीय कंपनियां डमी की तरह काम करती हैं।

इस कंपनी को BYD दे चुकी है प्रस्ताव

BYD मामले में सरकार की भी ऐसी ही चिंताएं थीं, जो अब सामने आ गई हैं। क्योंकि चीनी इलेक्ट्रिक कंपनी भारत में तेजी से पैर जमाने की कोशिश में है। समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार BYD और निजी स्वामित्व वाली हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर ने ज्वाइंट इलेक्ट्रिक व्हीकल प्लांट बनाने के लिए भारतीय रेगुलेटर्स को एक प्रस्ताव दिया है।

BYD भारत में हैचबैक से लेकर लक्जरी मॉडल करेगी पेश

रिपोर्ट के अनुसार BYD भारत में हैचबैक से लेकर लक्जरी मॉडल के साथ पूरी ईवी सीरीज लाने की योजना बना रही है। बीवाईडी ईवी और प्लग-इन हाइब्रिड वाहनों का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है और वह टेस्ला को चुनौती देने के लिए तेजी से वैश्विक स्तर पर विस्तार कर रहा है। यदि भारत में बीवाईडी को निवेश को मंजूरी मिल जाती है, तो वह यूएसए को छोड़कर सभी प्रमुख वैश्विक कार बाजारों में उपस्थिति हासिल कर लेगा।

एफडीआई नियम हुए सख्त

भारत सरकार ने इससे पहले चीन की ग्रेट वॉल मोटर्स की भारत में कदम जमाने की योजनाओं को विफल करते हुए चीनी कंपनियों के लिए एफडीआई नियमों को सख्त कर दिया था। भारत में कारें बेचने वाली ब्रिटिश कंपनी एमजी मोटर्स को भी भारत में विस्तार के लिए नए निवेश पाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है और अब वह बहुमत हिस्सेदारी के साथ भारतीय पार्टनर्स को शामिल करने के प्रस्ताव पर काम कर रही है।
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