GDP DATA: अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 8.4% रही जीडीपी ग्रोथ रेट, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में हुई 11.6% वृद्धि
GDP DATA: अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 8.4% रही जीडीपी ग्रोथ रेट। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार दिसंबर तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 8.4 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई। केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) अप्रैल 2023-जनवरी 2024 में बढ़कर 11.03 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो अप्रैल-दिसंबर में 9.82 लाख करोड़ रुपये था। जनवरी में आठ प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टरों की ग्रोथ रेट घटकर 15 महीने के निचले स्तर पर आ गई। ये जनवरी में 3.6 प्रतिशत रही।
तीसरी तिमाही में 8.4 फीसदी ग्रोथ रेट
मुख्य बातें
- अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 8.4% रही जीडीपी ग्रोथ रेट
- राजकोषीय घाटा बढ़कर 11.03 लाख करोड़ रुपये हो गया
- 8 प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टरों की ग्रोथ रेट घटी
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मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का शानदार परफॉर्मेंस
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 11.6% की शानदार डबल डिजिट की ग्रोथ रेट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर 9.5% की ग्रोथ रेट के दम पर भारत की रियल जीडीपी वित्तीय वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में 8.4% बढ़ी।
चेक करें अलग-अलग सेक्टरों के डेटा
- अक्टूबर-दिसंबर जीवीए ग्रोथ सालाना 4.8% के मुकाबले रही 6.5%
- अक्टूबर-दिसंबर में कृषि क्षेत्र की ग्रोथ 5.2% के मुकाबले रही -0.8%
- अक्टूबर-दिसंबर खनन क्षेत्र की वृद्धि दर सालाना आधार पर 1.4% के मुकाबले 7.5% रही
- अक्टूबर-दिसंबर विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर सालाना आधार पर 4.8% के मुकाबले 11.6% रही
- अक्टूबर-दिसंबर निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 9.5% के मुकाबले 9.5% ही रही
कहां पहुंचा फिस्कल डेफिसिट
लेखा महानियंत्रक की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) अप्रैल 2023-जनवरी 2024 में बढ़कर 11.03 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो अप्रैल-दिसंबर में 9.82 लाख करोड़ रुपये था। 11.03 लाख करोड़ रुपये पर चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों के लिए राजकोषीय घाटा 17.35 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान का 63.6 प्रतिशत है। इसके लिए ऑरिजनल बजट अनुमान 17.87 लाख करोड़ रुपये था। अप्रैल 2022-जनवरी 2023 में राजकोषीय घाटा 2022-23 के लक्ष्य का 67.8 प्रतिशत था।
8 प्रमुख सेक्टरों के उत्पादन की ग्रोथ घटी
गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, उर्वरक, स्टील और बिजली जैसे क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के कारण जनवरी में आठ प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टरों की ग्रोथ रेट घटकर 15 महीने के निचले स्तर पर आ गई। ये जनवरी में 3.6 प्रतिशत रही। आठ प्रमुख क्षेत्रों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली शामिल हैं। इनकी वृद्धि दिसंबर में 4.9 प्रतिशत थी। जनवरी 2023 में यह 9.7 फीसदी रही। इनकी ग्रोथ रेट का पिछला निचला स्तर अक्टूबर 2022 में 0.9 फीसदी दर्ज किया गया था।
रिफाइनरी प्रोडक्ट्स और उर्वरक की ग्रोथ रही निगेटिव
रिफाइनरी प्रोडक्ट्स और उर्वरक की आउटपुट ग्रोथ निगेटिव। वहीं जनवरी में कोयला, स्टील और बिजली के उत्पादन में वृद्धि की गति धीमी हो गई। हालाँकि कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और सीमेंट उत्पादन में जनवरी में पॉजिटिव ग्रोथ वृद्धि दर्ज की गई। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में आठ प्रमुख क्षेत्रों का योगदान 40.27 प्रतिशत है।
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काशिद हुसैन author
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें
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