इस साल 6.2 फीसदी की रेट से बढ़ेगी GDP,लेकिन गरीबों की इनकम चिंताजनक
India GDP Rate: इंडिया रेटिंग्स ने अगले साल होने वाले आम चुनावों के पहले जीडीपी ग्रोथ की राह में कुछ चुनौतियों को लेकर आगाह भी किया है। इनमें वैश्विक वृद्धि दर में गिरावट से भारत के निर्यात में सुस्ती, वित्तीय परिस्थितियों की वजह से पूंजी की लागत बढ़ना और मानसूनी बारिश में कमी के साथ विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट शामिल हैं।
चुनाव से पड़ेगा असर
India GDP Rate: सरकार के बढ़े हुए कैपिटल खर्च, घरेलू कंपनियों एवं बैंकों के कर्ज में कमी, ग्लोबल लेवल पर जीसों की कीमतों में गिरावट और निजी निवेश में तेजी देखते हुए, भारत की ग्रोथ रेट चालू वित्त वर्ष 6.2 फीसदी रह सकती है। इन फैक्टर को देखते हुए इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने चालू वित्त वर्ष (2023-24) के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 5.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया है।
हालांकि, इंडिया रेटिंग्स ने अगले साल होने वाले आम चुनावों के पहले जीडीपी ग्रोथ की राह में कुछ चुनौतियों को लेकर आगाह भी किया है। इनमें वैश्विक वृद्धि दर में गिरावट से भारत के निर्यात में सुस्ती, वित्तीय परिस्थितियों की वजह से पूंजी की लागत बढ़ना और मानसूनी बारिश में कमी के साथ विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट शामिल हैं।
क्या है अनुमान
रेटिंग एजेंसी ने बुधवार को कहा कि सरकार के बढ़े हुए कैपिटल खर्च, घरेलू कंपनियों एवं बैंकों के कर्ज में कमी, वैश्विक जिंस कीमतों में नरमी और निजी निवेश में तेजी की उम्मीद जैसे कई कारकों की वजह से उसने वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाया है। इकोनॉमी की चुनौतियों पर बोलते हुए रेटिंग एजेंसी के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि ये सभी जोखिम वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी वृद्धि को प्रभावित और बाधित करना जारी रखेंगे।
जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत पर रही वृद्धि दर के अगली तीनों तिमाहियों में सुस्त पड़ने के ही आसार दिख रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी। इसके पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी।रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, उपभोग मांग व्यापक आधार वाली नहीं है और निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) 6.9 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 7.5 प्रतिशत था।
गरीबों के इनकम का क्या है हाल
निम्न आय वर्ग से संबंधित परिवारों की वास्तविक वेतनवृद्धि वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही से ही नकारात्मक रही है और सिर्फ अक्टूबर-दिसंबर, 2022 की तिमाही में ही यह मामूली रूप से बढ़ी है।रिपोर्ट कहती है कि उच्च आय वर्ग से संबंधित परिवारों की वास्तविक वेतनवृद्धि 9.5 प्रतिशत से 12.7 प्रतिशत के बीच रह सकती है।रिपोर्ट के मुताबिक, देश का निर्यात प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रहा है जबकि सेवा क्षेत्र में सुधार हो रहा है। लेकिन मानसूनी वर्षा और औद्योगिक वृद्धि ‘चिंता का क्षेत्र’ बने हुए हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
संबंधित खबरें
Gold-Silver Rate Today 18 September 2024: सोना और चांदी हुए सस्ते, 73000 रु के करीब आया गोल्ड का रेट, यहां जानें अपने शहर के रेट
अमिताभ बच्चन के बाद इस कंपनी पर फिदा हुईं माधुरी दीक्षित, IPO से पहले ही खरीदे करोड़ों के शेयर
Share Market Today: आईटी शेयरों में प्रॉफिट बुकिंग से मार्केट रिकॉर्ड ऊंचाई से फिसला, लाल निशान में सेंसेक्स
फेस्टिव सीजन आने वाला है, अगर आप ये 6 वित्तीय कदम उठाएंगे तो रहेंगे मजे में
Indian Economy: 2030 तक दोगुनी होगी भारतीय अर्थव्यवस्था, तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए चाहिए खास रणनीति
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited