February Retail Inflation: खुदरा महंगाई दर में गिरावट, लेकिन खाद्य महंगाई दर में उछाल

India Retail Inflation: कंज्युमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में 5.1 प्रतिशत और फरवरी, 2023 में 6.44 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। ग्रामीण मुद्रास्फीति दर में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ है।

Retail Inflation Rate

Retail Inflation Rate

India Retail Inflation: देश में फरवरी के महीने में रिटेल महंगाई दर 5.09 फीसदी पर पहुंच गई है। जनवरी के महीने में खुदरा महंगाई दर 5.10 फीसदी रही थी। सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, दिसंबर 2023 में 5.69 फीसदी पर रही थी। हालांकि, फरवरी में खाद्य महंगाई में तेजी देखने को मिली है। खाद्य महंगाई दर 8.66 फीसदी रही है, जो जनवरी में 8.30 फीसदी पर थी। कोर महंगाई दर जो खाद्य और ऊर्जा की अस्थिर कीमतों को दूर करती है, जनवरी के 3.6 फीसदी के मुकाबले 3.3 फीसदी पर आ गई। यह 2012 के बाद से सबसे कम है।

खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर

कंज्युमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में 5.1 प्रतिशत और फरवरी, 2023 में 6.44 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं की महंगाई फरवरी में 8.66 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने 8.3 प्रतिशत से मामूली अधिक है। भारतीय रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में मुद्रास्फीति के 2023-24 में 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।

ग्रामीण मुद्रास्फीति दर 5.34 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रही, इस बीच, शहरी मुद्रास्फीति दर जनवरी में 4.92 प्रतिशत से घटकर 4.78 प्रतिशत हो गई।

औद्योगिक उत्पादन

भारत का औद्योगिक उत्पादन जनवरी, 2024 में 3.8 प्रतिशत बढ़ा है। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर मापा जाने वाला औद्योगिक उत्पादन जनवरी, 2023 में 5.8 प्रतिशत बढ़ा था। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि भारत का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक जनवरी, 2024 में 3.8 प्रतिशत बढ़ा है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी, 2024 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 3.2 प्रतिशत बढ़ा, जो एक साल पहले इसी महीने में 4.5 प्रतिशत बढ़ा था। समीक्षाधीन अवधि में खनन उत्पादन की वृद्धि 5.9 प्रतिशत और बिजली उत्पादन की 5.6 प्रतिशत रही। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जनवरी के दौरान आईआईपी में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 5.5 प्रतिशत बढ़ा था।

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