सितंबर में बढ़ी रिटेल इन्फ्लेशन, अगस्त के औद्योगिक उत्पादन में गिरावट

Government Data: अप्रैल 2020 में कोरोनावायरस महामारी की वजह से देश के औद्योगिक उत्पादन पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा था। तब यह 57.3 फीसदी नीचे आ गया था।

नहीं मिल रही महंगाई से राहत, सितंबर में फिर हुआ इजाफा

मुख्य बातें
  • मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए IMF ने आरबीआई की सराहना की।
  • हालांकि मुद्रास्फीति आरबीआई की तय सीमा से ऊपर बनी हुई है।
  • आगे जाकर मौद्रिक नीति के और सख्त होने का अनुमान है।

नई दिल्ली। बुधवार को सरकार ने रिटेल इन्फ्लेशन (Retail Inflation) और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी कर दिए हैं। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने यानी सितंबर में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त के 7 फीसदी से बढ़कर पांच महीने के उच्च स्तर पर यानी 7.41 फीसदी पर पहुंच गई। आंकड़ा लगातार नौवें महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ऊपरी बैंड से काफी ऊपर रहा। देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) की बात करें, तो अगस्त में इसमें 0.8 फीसदी की गिरावट आई है।

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खुदरा मुद्रास्फीति के ताजा डेटा से केंद्रीय बैंक पर अधिक दबाव डलने की संभावना है। आरबीआई ने इस वित्तीय वर्ष में पहले ही रेपो रेट में 190 आधार अंकों की वृद्धि की है। सीपीआई बास्केट में करीब आधा हिस्सा खाद्य मुद्रास्फीति का होता है। सितंबर 2022 में यह 8.60 फीसदी उछली है, जबकि इससे पिछले महीने यानी अगस्त में यह 7.62 फीसदी थी।

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