India-Russia Trade: भारत-रूस में 100 अरब डॉलर का बिजनेस संभव ,बस करना होगा इन पर फोकस

India-Russia Trade: साल 2023-24 में रूस को भारत का निर्यात 4.3 अरब अमरीकी डॉलर था, जबकि कच्चे तेल से आधारित आयात 61.4 अरब अमरीकी डॉलर था। आयात में कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की हिस्सेदारी 88 प्रतिशत थी।

2030 तक 100 अरब डॉलर कारोबार का लक्ष्य

India-Russia Trade: निर्यात बढ़ाने, स्थानीय मुद्रा व्यापार को व्यावहारिक बनाने और यूरेशियन आर्थिक संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौता जैसे कदमों से भारत और रूस के बीच व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में कहा कि भारत को व्यापार घाटे को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए, क्योंकि उसे रूस से बाजार मूल्य से सस्ते दाम पर कच्चा पेट्रोलियम तेल मिल रहा है। इससे भारत का तेल आयात बिल भी कम हो रहा है।

यूक्रेन युद्ध के बाद बदले समीकरण

फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने तथा अमेरिका द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से भारत और रूस के बीच व्यापार संबंधों में काफी बदलाव आया है।रूस से आयात में तीव्र वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप व्यापार असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो गई है।रिपोर्ट में कहा गया, वित्त वर्ष 2020-21 और 2023-24 में निर्यात 59 प्रतिशत बढ़ा, जबकि आयात में करीब 8,300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। व्यापार घाटा 2020-21 में युद्ध से पहले के 2.8 अरब अमरीकी डॉलर से बढ़कर वर्तमान में 57.2 अरब अमरीकी डॉलर हो गया है।
इसमें कहा गया कि आयात में यह वृद्धि भारत द्वारा अनुकूल व्यापार शर्तों से प्रभावित होकर रूस से कच्चे तेल की रणनीतिक खरीद तथा पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच रूस की नए बाजार खोजने की आवश्यकता के कारण है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आठ-नौ जुलाई को रूस यात्रा के दौरान भारत और रूस ने 2030 तक 100 अरब डॉलर का महत्वाकांक्षी द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य तय किया है।
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