India-UK FTA: वीजा और ईवी रियायत के मुद्दे को सुलझाने की कोशिश में भारत-ब्रिटेन, इन मुद्दों पर भी होगी चर्चा
India-Britain FTA: अधिकारी ने बताया कि दोनों देश इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए शुल्क दर कोटा (टीआरक्यू) की तरह की व्यवस्था करने की संभावनाओं पर गौर कर रहे हैं। भारत अपनी सेवा कंपनियों के लिए ब्रिटेन से उदार वीजा प्रणाली की मांग कर रहा है। ब्रिटिश व्हिस्की पर सीमा शुल्क में कटौती पर भी चर्चा होगी।
FTA
India-Britain FTA: भारत और ब्रिटेन प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) में घरेलू पेशेवरों को वीजा देने और ब्रिटिश इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को शुल्क में रियायत देने से संबंधित मुद्दों के समाधान की कोशिश में लगे हुए हैं। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एफटीए से संबंधित इन मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच बने गतिरोध को दूर करने के लिए इस समय भारतीय अधिकारियों का एक दल ब्रिटेन के दौरे पर पहुंचा हुआ है। इस दौरान सेवा क्षेत्र से संबंधित कुछ अन्य मामलों और ब्रिटिश व्हिस्की पर सीमा शुल्क में कटौती पर भी चर्चा होगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात
अधिकारी ने बताया कि दोनों देश इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए शुल्क दर कोटा (टीआरक्यू) की तरह की व्यवस्था करने की संभावनाओं पर गौर कर रहे हैं। टीआरक्यू व्यवस्था के तहत एक निर्धारित संख्या तक उत्पादों पर रियायती दर से आयात की मंजूरी होती है और उससे अधिक संख्या होने पर सामान्य शुल्क लगता है। ब्रिटेन की मांग है कि प्रस्तावित व्यापार समझौते में भारत उसके इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात पर सीमा शुल्क में रियायत दे।
उदार वीजा सिस्टम की मांग
वहीं भारत अपनी सेवा कंपनियों के लिए ब्रिटेन से उदार वीजा प्रणाली की मांग कर रहा है। अधिकारी ने कहा कि सेवा कंपनियों को अपने कुशल पेशेवरों को ब्रिटेन भेजने की जरूरत होती है। ऐसे में उनके लिए वीजा प्रणाली सुविधाजनक होनी चाहिए। हालांकि, वीजा को लेकर ब्रिटेन को एतराज है। उसका कहना है कि यूरोपीय संघ से अलग होने यानी ब्रेक्सिट के पीछे का असली मुद्दा इमिग्रेशन ही था।
कई दौर की हो चुकी है बातचीत
इस पर अधिकारी ने कहा कि हमें ब्रिटेन की इमिग्रेशन चिंताओं के साथ अपनी चिंताओं का तालमेल बिठाना होगा। बात यह है कि हम अपनी कंपनियों को आवाजाही रखते हुए देखना चाहेंगे ताकि वे प्रदर्शन कर सकें। वहीं ब्रिटेन की चिंता यह है कि इमिग्रेशन बेकाबू न हो जाए। भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत का दौर जनवरी, 2022 में शुरू हुआ था। इसे पिछले साल की दिवाली तक ही पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन कुछ बिंदुओं पर गतिरोध बने रहने से ऐसा अब तक नहीं हो पाया है। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited