वर्ल्ड फूड बास्केट बनना चाहता है भारत, दावोस समिट में बोले चिराग पासवान
Chirag Paswan At Davos Summit: स्विट्जरलैंड में विश्व आर्थिक मंच के वार्षिक शिखर सम्मेलन केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि भारत खुद को वर्ल्ड फूड बास्केट के तौर पर पेश करना चाहता है।
दावोस समिट में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान
Chirag Paswan At Davos Summit: स्विट्जरलैंड में विश्व आर्थिक मंच के वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए अपने पहले दावोस दौरे पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि भारत खुद को वर्ल्ड फूड बास्केट के तौर पर पेश करना चाहता है, क्योंकि देश में ग्लोबल स्तर पर फूड सेक्योरिटी का ख्याल रखने की क्षमता है। जब उनसे पूछा गया कि वे भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की नीतियों को पेश करने की तैयारी कैसे कर रहे हैं? तब केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत में वह क्षमता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन बहुत स्पष्ट है कि आखिरकार, हम खुद को वर्ल्ड फूड बास्केट के रूप में पेश करना चाहते हैं, क्योंकि हमारे अंदर वह क्षमता है, जिसके जरिए हम न केवल अपने देश के लिए बल्कि ग्लोबल स्तर पर भी खाद्य सुरक्षा का ख्याल रख सकते हैं।
चिराग पासवान ने कहा कि सरकार को बस कुछ चीजों को सुव्यवस्थित करने की जरुरत है और हम पहले से ही इस पर काम कर रहे हैं। पासवान ने कहा कि भारतीय खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र सबसे महत्वपूर्ण सेक्टर्स में से एक है, क्योंकि उन्होंने खुद महसूस किया है कि दुनिया भर में लोग भारतीय व्यंजनों को कितना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर के जरिये वैश्विक स्तर पर भारतीय भोजन, भारतीय व्यंजनों, भारतीय प्लेवर का प्रतिनिधित्व करने का एक बड़ा अवसर है।
खाद्यान्न की बर्बादी की चिंता और उद्योग किस तरह से रोजगार पैदा कर सकते हैं? इस पर चिराग पासवान ने कहा कि स्थिरता हमेशा से उनकी प्रमुख चिंताओं में से एक रही है। उन्होंने कहा कि और ऐसे वैश्विक प्लेटफॉर्म पर मुझे लगता है कि भारत इस दिशा में खुद को बहुत मजबूती से पेश करता है, जहां हमने स्थिरता को बहुत मजबूती से अपनाने के लिए काम किया है।
उन्होंने कहा कि अगर आप खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर को देखें, तो हम वह चक्र बनाना चाहते हैं, जहां चीजों का इंड टू इंड उपयोग हो, जहां बर्बादी को कम किया जा सके। हम ऐसे सेक्टर्स को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं जो उस दिशा में अपने कचरे को रिसाइकिल कर सकें। हम इसे बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि नई टैक्नोलॉजी और इनोवेशन के आगमन के साथ, भारत ने स्टार्टअप्स में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है।
पासवान ने कहा कि स्टार्टअप के मामले में भारत तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम है और मुझे लगता है कि हर घंटे नए स्टार्टअप विचारों के मामले में भारत नंबर एक है। इसलिए, मुझे लगता है कि इस दिशा में स्थिरता को पूरी तरह अपनाने के लिए हमारे देश में बहुत सारे दिमाग हैं।
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रामानुज सिंह author
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
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