पाकिस्तान में आटा संकट, फिर भारत में कैसे गिरे 5-6 रुपये किलो गेहूं के दाम?
भारत के प्रमुख शहरों में गेहूं की औसत कीमत बुधवार को 33.43 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो एक साल पहले 28.24 रुपये प्रति किलोग्राम थी। आटा (गेहूं का आटा) की औसत कीमत एक साल पहले के 31.41 रुपये प्रति किलोग्राम के मुकाबले 37.95 रुपये प्रति किलोग्राम रही है। इस बीच पाकिस्तान में आटे की महंगाई का संकट बढ़ता जा रहा है।
प्रतीकात्मक तस्वीर
ऐसे समय में जब पड़ोसी देश पाकिस्तान में गेहूं और आटे का संकट गहराता जा रहा है, भारत सरकार अगले दो महीनों में राज्य के स्वामित्व वाले भारतीय खाद्य निगम (FCI) के माध्यम से खुले बाजार में 30 लाख टन से अधिक गेहूं बेचने की योजना बना रही है। बाजार में गेहूं की कमी को दूर करने के लिए केंद्र के कदम उठाने के साथ, आटा मिलों को गेहूं की कीमतों में 5-6 रुपये प्रति किलोग्राम तक की कमी आने की उम्मीद है। रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (RFMFI) ने खुले बाजार में बफर स्टॉक से गेहूं बेचने के सरकार के फैसले की सराहना की है।
बफर स्टॉक से गेहूं अगले दो महीनों के दौरान कई चैनलों से राज्य के स्वामित्व वाली भारतीय खाद्य निगम (FCI) की ओर से बेचा जाएगा। जबकि गेहूं ई-नीलामी के माध्यम से आटा मिलर्स जैसे थोक उपभोक्ताओं को बेचा जाएगा। अनाज को आटा बनाने और इसे पेश करने के लिए FCI सार्वजनिक क्षेत्र की यूनिट / सहकारी समितियों / संघों, केंद्रीय भंडार / NCCF / NAFED को 23.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं बेचेगी। जनता के लिए 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) पर इसे बेचा जाएगा।
आरएफएमएफआई के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने कहा, 'हम सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। इसे एक महीने पहले लिया जाना चाहिए था। यह एक सही कदम है। थोक और खुदरा कीमतों में 5-6 रुपये प्रति किलोग्राम की कमी आएगी।'
रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रमुख शहरों में गेहूं की औसत कीमत बुधवार को 33.43 रुपये प्रति किलो थी, जो एक साल पहले 28.24 रुपये प्रति किलो थी। आटा (गेहूं का आटा) की औसत कीमत एक साल पहले के 31.41 रुपये प्रति किलोग्राम के मुकाबले 37.95 रुपये प्रति किलोग्राम रही।
खाद्य मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि एफसीआई ओपन मार्केट सेल स्कीम (घरेलू) के तहत कई मार्गों से केंद्रीय पूल स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं बाजार में उतारेगा।
पड़ोसी देश पाकिस्तान में लोगों को रसोई की बुनियादी वस्तु गेहूं का आटा बाजार में नहीं मिल रहा है, क्योंकि देश में आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है और कीमतें आसमान छू रही हैं। स्थानीय मीडिया ने बताया कि पाकिस्तान में जारी संकट के बीच वहां गेहूं और आटे की कीमतें अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ गई हैं।
जबकि भारत में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों को ध्यान देते हुए गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह ने बुधवार को बैठक की और देश के बफर स्टॉक की स्थिति पर चर्चा की। समिति ने निर्णय लिया कि आटा मिलों, थोक खरीदारों आदि को ई-नीलामी के माध्यम से अधिकतम 3,000 टन प्रति खरीदार प्रति नीलामी गेहूं की पेशकश की जाएगी।
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प्रभाष रावत author
रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक विषयों में विशेष रुचि रखने वाले प्रभाष रावत कुछ-ना-कुछ नया सीखते रह...और देखें
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