भारत 2040 तक 1 करोड़ टन टिकाऊ विमानन ईंधन का करेगा उत्पादन, रिपोर्ट का दावा

Sustainable Aviation Fuel: भारत वर्ष 2040 तक 1 करोड़ लाख टन टिकाऊ विमानन ईंधन का उत्पादन करेगा। सलाहकार फर्म डेलॉयट इंडिया की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि 80 लाख-एक करोड़ टन टिकाऊ विमानन ईंधन (SAF) का उत्पादन देश की अनुमानित घरेलू मांग को पार कर जाएगा।

टिकाऊ विमानन ईंधन के उत्पादन में होगा इजाफा (तस्वीर-Canva)

Sustainable Aviation Fuel: भारत वर्ष 2040 तक 80 लाख से एक करोड़ टन तक टिकाऊ विमानन ईंधन (SAF) का उत्पादन करने की क्षमता हासिल कर सकता है लेकिन इसके लिए उसे 70-85 अरब डॉलर निवेश की जरूरत होगी। एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है। सलाहकार फर्म डेलॉयट इंडिया की तरफ से मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि 80 लाख-एक करोड़ टन एसएएफ का उत्पादन देश की अनुमानित घरेलू मांग को पार कर जाएगा। वर्ष 2040 में विमानन ईंधन में 15 प्रतिशत एसएएफ का मिश्रण करने के आदेश के अनुरूप 45 लाख टन की जरूरत होगी।

रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा होने पर भारत वैश्विक बाजारों की सेवा करने वाले एक प्रमुख एसएएफ निर्यातक के रूप में भी स्थापित हो सकता है। हालांकि, रिपोर्ट कहती है कि एसएएफ की अनुमानित उत्पादन क्षमता को साकार करने के लिए छह-सात लाख करोड़ रुपये (70-85 अरब डॉलर) के निवेश की जरूरत पड़ेगी। यह विमानन क्षेत्र में कार्बन कटौती की कोशिशों को तेज करेगा और कार्बन उत्सर्जन में सालाना 2.0-2.5 करोड़ टन की कमी आएगी।

भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में से एक है और इस क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन कम करने के प्रयास चल रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, छह-सात लाख करोड़ रुपये के अनुमानित पूंजी निवेश से मूल्य श्रृंखला में 11-14 लाख नौकरियों के सृजन और कच्चे तेल के आयात बिल में सालाना पांच-सात अरब डॉलर की कमी करने में भी मदद मिलेगी।

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