Red Sea Trade Route: लाल सागर में संकट से भारत होगा प्रभावित, 50% निर्यात पर पड़ेगा असर

Red Sea Trade Route: घरेलू कंपनियां यूरोप, उत्तरी अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम एशिया के साथ व्यापार करने के लिए स्वेज नहर के जरिए लाल सागर मार्ग का उपयोग करती हैं।

लाल सागर ट्रेड रूट

मुख्य बातें
  • लाल सागर में संकट है बरकरार
  • भारत का आयात-निर्यात होगा प्रभावित
  • भारत का आधा निर्यात इसी रूट से होता है

Red Sea Trade Route: लाल सागर जल मार्ग के आसपास चल रहे संकट का प्रभाव विभिन्न उद्योगों के आधार पर अलग-अलग होगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में देश के निर्यात का 50 प्रतिशत और आयात का 30 प्रतिशत इस रास्ते से हुआ है। क्रिसिल रेटिंग्स ने लाल सागर संकट के कारण भारत में विभिन्न व्यापार सेक्टरों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है। लाल सागर व्यापारिक मार्ग में संकट तब शुरू हुआ जब यमन के हूती विद्रोहियों ने अक्टूबर, 2023 में शुरू हुए इजरायल-फलस्तीन युद्ध के कारण नवंबर में वहां से गुजरने वाले कमर्शियल माल ढुलाई जहाजों पर लगातार हमले किए। फिलहाल अमेरिकी और ब्रिटेन की सेना भी विद्रोहियों पर जवाबी हमले में लगी हुई है।

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