5 Trillion Economy: 3 साल में भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर होगी GDP
India To Become 3rd Largest Economy: वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि अगले तीन साल में पांच लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी (GDP) के साथ भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा
मुख्य बातें
- अगले तीन साल में 5 लाख करोड़ डॉलर होगी देश की जीडीपी
- भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
- 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की होगी इकोनॉमी
India To Become 3rd Largest Economy: वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि अगले तीन साल में पांच लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी (GDP) के साथ भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। लगातार सुधारों से यह वर्ष 2030 तक सात लाख करोड़ डॉलर का आंकड़ा भी छू लेगा। दस साल पहले भारत 1.9 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय ने अर्थव्यवस्था की जनवरी माह की समीक्षा रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना महामारी के असर और मैक्रोइकोनॉमिक असंतुलन और बुरे हाल वित्तीय क्षेत्र वाली अर्थव्यवस्था की विरासत के बावजूद भारत वित्त वर्ष 2023-24 में 3.7 लाख करोड़ डॉलर की अनुमानित जीडीपी के साथ पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है।संबंधित खबरें
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मंत्रालय ने कहा है कि 10 साल का सफर ठोस और क्रमिक दोनों तरह के कई सुधारों से गुजरा है। इन सुधारों ने देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन सुधारों ने आर्थिक मजबूती भी दी है जिसकी देश को भावी अप्रत्याशित वैश्विक झटकों से निपटने के लिए जरूरत होगी।संबंधित खबरें
इसी के साथ मंत्रालय ने कहा कि अगले तीन वर्षों में भारत के पांच लाख करोड़ डॉलर के जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है। समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने वर्ष 2047 तक 'विकसित देश' बनने का एक बड़ा लक्ष्य रखा है। सुधारों का सफर जारी रहने पर इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।संबंधित खबरें
7 फीसदी से अधिक रहेगी ग्रोथ रेट
समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार घरेलू मांग की ताकत ने पिछले तीन वर्षों में अर्थव्यवस्था को सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर दी है। वित्त वर्ष 2024-25 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि सात प्रतिशत के करीब रहने की संभावना है। वर्ष 2030 तक वृद्धि दर के सात प्रतिशत से अधिक रहने की काफी गुंजाइश है।संबंधित खबरें
हालांकि, मंत्रालय ने समीक्षा में पाया कि हालिया और भावी संरचनात्मक सुधारों के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के लिए भू-राजनीतिक संघर्षों का बढ़ा जोखिम चिंता का सबब बन सकता है।संबंधित खबरें
क्या है चुनौतियां
रिपोर्ट के मुताबिक इंफ्लेशन गैप और एक्सचेंज रेट के संबंध में सही अप्रोच के तहत भारत अगले छह-सात साल में (2030 तक) सात लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा कर सकता है।संबंधित खबरें
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने समीक्षा रिपोर्ट की भूमिका में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था कोविड के बाद रिवाइवल को कायम रखने के लिए संघर्ष कर रही है और सप्लाई चेन में अड़चन जैसे कुछ झटके 2024 में भी लौट आए हैं। अगर ये झटके कायम रहते हैं तो दुनियाभर में व्यापार प्रवाह, परिवहन लागत, आर्थिक उत्पादन और मुद्रास्फीति को प्रभावित करेंगे।संबंधित खबरें
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काशिद हुसैन author
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें
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