2027-28 के बीच दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत, IEC 2024 में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बड़ा बयान
India Economic Conclave 2024: भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सरकार कई क्षेत्रों में बहुत तेजी से काम कर रही है। इसके लिए सरकार चार सिद्धांतों-निवेश, उत्पादन, गुणवत्ता और सुगमता पर जोर दे रही है। भारत की अर्थव्यवस्था अभी चार खरब डॉलर की है।
इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2024 में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव।
India Economic Conclave 2024: भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सरकार कई क्षेत्रों में बहुत तेजी से काम कर रही है। इसके लिए सरकार चार सिद्धांतों-निवेश, उत्पादन, गुणवत्ता और सुगमता पर जोर दे रही है। भारत की अर्थव्यवस्था अभी चार खरब डॉलर की है। हम 2027-28 के बीच दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। ये बातें रेल, सूचना प्रसारण एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने टाइम्स नेटवर्क के इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2024 में कहीं। टाइम्स नाउ और टाइम्स नाउ नवभारत की ग्रुप एडिटर-इन-चीफ नविका कुमार के साथ खास बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने अर्थव्यवस्था, रेलवे, सेमीकंडक्टर, सोशल मीडिया, संसदीय गतिरोध और 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर विस्तार से बातचीत की।
हमारा कामकाज पहले की सरकारों से अलग है-रेल मंत्री
कार्यक्रम में रेल मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार का कामकाज पहले की सरकारों से अलग है। हमारा दृष्टिकोण भी दुनिया के अन्य देशों से अलग है। पहले हमारा ध्यान फोकस रिसर्च पर नहीं था। डिफेंस में हम पहले निर्यात नहीं करते थे लेकिन यह हो रहा है। दूरसंचार उपकरणों और मोबाइल का हम निर्यात कर रहे हैं। होसूर में एपल का यहां कारखाना लग चुका है।
जल्द आएगा भारत का पहला चिप
देश में बनने वाले सेमीकंडक्टर के बारे में वैष्णव ने कहा कि मोदी सरकार से पहले देश में सेमीकंडक्टर बनाने के लिए प्रयास हुए लेकिन सफलता नहीं मिल पाई लेकिन पीएम मोदी की अगुवाई में इस पर एक पॉलिसी बनी। आज पांच यूनिटों में सेमीकंडक्टर बनाए जा रहे हैं। जल्द ही भारत की बनी चिप जल्द दुनिया के सामने आएगी।
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'AI चिंता और चुनौती दोनों'
एआई के बारे में प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि यह चिंता और चनौती दोनों है। कंटेंट बनाने में काफी महेनत लगा है लेकिन ऐसे मामले सामने आए हैं जहां एआई मौलिक कंटेंट को अपना बना लेता है, इसमें भुगतान की समस्या सामने आई है। इस पर दुनिया भर में चर्चा हो रही है। कंटेंट बनाने वाले और एआई के जरिए इसे पेश करने वाले के बीच एक फेयर प्राइसिंग होनी चाहिए। सरकार भी इसे देख रही है। यह एक जटिल विषय है जिसे समाज को भी देखना होगा। इस पर व्यापक चर्चा कर एक आम सहमति बनाने की जरूरत है।
रेल दुर्घटना न हो, इसके लिए हो रहे कई सुधार-रेल मंत्री
रेलवे की सुरक्षा पर रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे बहुत बड़ा सेक्टर है। बीते दशकों में इस सेक्टर में बहुत निवेश होना था लेकिन इस पर राजनीति ज्यादा हुई। रेलवे की तकनीकी पहलुओं पर ध्यान बहुत कम दिया गया। रेलवे को लेकर ज्यादातर लोकप्रियता वाले कदम उठाए गए। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जी ने रेलवे और लोगों की जरूरतों को समझा। हमारी सरकार में नए ट्रैक बनाने में भारी निवेश और लाइनों का विद्युतीकरण हुआ। बीते 10 सालों में 44 हजार किलोमीटर रेलवे लाइन का विद्युतीकरण हुआ है। यही नहीं, रेलवे में बहुत तेजी से काम हो रहा है। 'कवच' दुनिया में 1990 और 2000 की शुरुआत में ही आ गया लेकिन भारत में पहले की सरकारें रेलवे सुरक्षा को लेकर उदासीन रहीं। पीएम ने कहा कि सुरक्षा को लेकर हमारा अपना सॉफ्टवेयर होना चाहिए। फिर हमने 'कवच' पर काम करना शुरू किया। रेल हासदे बहुत कम हो गए हैं। इसमें 80 फीसदी कमी आई है। दुर्घटनाएं खत्म करने के लिए हम कई स्तर पर सुधार कर रहे हैं।
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