Onion Export: इन छह देशों को 99150 टन प्याज निर्यात करेगा भारत, प्रतिबंध के बावजूद दी अनुमति

Onion Export: प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध के बावजदू भारत सरकार ने 6 देशों बांग्लादेश, यूएई, भूटान, बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका को 99,150 मीट्रिक टन प्याज निर्यात करने की अनुमति दे दी है।

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6 देशों को प्याज निर्यात करेगा भारत (तस्वीर-Canva)

Onion Export: भारत सरकार ने 6 देश बांग्लादेश, यूएई, भूटान, बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका को 99,150 मीट्रिक टन प्याज निर्यात करने की अनुमति दे दी है। सरकार ने बताया कि यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती डिमांड के साथ-साथ पिछले वर्ष की तुलना में 2023-24 में कम अनुमानित खरीफ और रबी फसलों की पृष्ठभूमि में आया है। सरकार ने 8 दिसंबर 2023 को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) को इन देशों में प्याज निर्यात करने के लिए जिम्मेदार एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। NCEL प्रतिस्पर्धी कीमतों पर ई-प्लेटफॉर्म के जरिये घरेलू उत्पादकों से प्याज की आपूर्ति करेगा। प्याज की आपूर्ति नामित एजेंसी या गंतव्य देशों की एजेंसियों को 100 प्रतिशत अग्रिम भुगतान के साथ तय दरों पर की जाएगी।

2000 मीट्रिक टन सफेद प्याज के निर्यात की अनुमति

महाराष्ट्र देश में सबसे बड़ा प्याज उत्पादक होने के नाते निर्यात के लिए प्याज का एक बड़ा आपूर्तिकर्ता है। इसके अतिरिक्त सरकार ने 2000 मीट्रिक टन सफेद प्याज के निर्यात की अनुमति दी है, जिसकी खेती विशेष रूप से मध्य पूर्व और कुछ यूरोपीय देशों के निर्यात बाजारों के लिए की जाती है। सफेद प्याज की उत्पादन लागत उच्च बीज लागत, अच्छी कृषि पद्धतियों को अपनाने और सख्त अधिकतम अवशेष सीमा आवश्यकताओं के अनुपालन जैसे कारकों के कारण अधिक है।

कितना टन प्याज उत्पादन का अनुमान

आंकड़ों के मुताबिक 2023-24 में प्याज का उत्पादन करीब 254.73 लाख टन होने की उम्मीद है, जो पिछले साल करीब 302.08 लाख टन था। आंकड़ों से पता चलता है कि इसका कारण महाराष्ट्र में 34.31 लाख टन, कर्नाटक में 9.95 लाख टन, आंध्र प्रदेश में 3.54 लाख टन और राजस्थान में 3.12 लाख टन की कमी है।

5 लाख टन प्याज की खरीद का लक्ष्य

घरेलू स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने रबी-2024 सीजन के लिए मूल्य स्थिरीकरण फंड (PSF) के तहत 5 लाख टन प्याज की खरीद का लक्ष्य रखा है। राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी मार्केटिंग फेडरेशन (NAFED) जैसी केंद्रीय एजेंसियां खरीद, भंडारण और किसान पंजीकरण का समर्थन करने के लिए स्थानीय एजेंसियों के साथ सहयोग कर रही हैं।

भंडारण घाटे को कम करना लक्ष्य

भंडारण घाटे को कम करने के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शीत भंडारित किए जाने वाले प्याज की मात्रा को पिछले साल के 1200 मीट्रिक टन से बढ़ाकर इस साल 5000 मीट्रिक टन से अधिक करने का निर्णय लिया है। इस उद्देश्य के लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) मुंबई से तकनीकी सहायता मांगी गई है। पिछले साल प्याज इंरेडिएशन और कोल्ड स्टोरेज के पायलट के परिणामस्वरूप भंडारण हानि 10 प्रतिशत से कम थी। उपभोक्ता मामले विभाग NCCF और NAFED के अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय टीम ने PSF बफर के लिए प्याज की खरीद के बारे में किसानों और स्थानीय एजेंसियों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए अप्रैल के मध्य में महाराष्ट्र के नासिक और अहमदनगर जिलों का दौरा किया।

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