Flight Ticket: मनचाहा किराया वसूल रहीं भारतीय एयरलाइन, सरकार ने मांगा डेटा तो बनाने लगीं बहाने, जानें पूरा मामला
Flight Ticket Price: भारतीय एयरलाइनों ने सरकारी नियामक द्वारा मांगे गए हवाई किराए के आंकड़ों को शेयर करने से इनकार कर दिया है, जिससे नीति निर्माताओं के साथ टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। सरकारी नियामक ऐसे बाजार में कंज्यूमर्स के हितों की सुरक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं, जिस पर लगभग दो खिलाड़ियों का कब्जा है।

फ्लाइट इतनी महंगी क्यों हैं?
- भारतीय एयरलाइनों पर सरकार सख्त
- मांगा किराया वसूलने का डेटा
- एयरलाइनों ने डेटा देने से किया इनकार
Flight Ticket Price: भारतीय एयरलाइनों ने सरकारी नियामक द्वारा मांगे गए हवाई किराए के आंकड़ों को शेयर करने से इनकार कर दिया है, जिससे नीति निर्माताओं के साथ टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। सरकारी नियामक ऐसे बाजार में कंज्यूमर्स के हितों की सुरक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं, जिस पर लगभग दो खिलाड़ियों का कब्जा है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस की तरफ से 11 मार्च को लिखे गए पत्र के अनुसार, इंडिगो और एयर इंडिया ग्रुप के साथ-साथ स्पाइसजेट ने एविएशन रेगुलेटर से कहा कि वे डेटा शेयर नहीं कर सकते क्योंकि जानकारी का खुलासा करने से कमर्शियल नुकसान होगा।
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किराए पर नजर रखना मुश्किल होगा
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार एयरलाइनों ने डेटा शेयर करने से इनकार कर दिया है। इस कदम से सरकार की उस योजना पर असर पड़ेगा जिसमें वह ऐसे बाजार में किराए की निगरानी को मजबूत करना चाहती है जहां इंडिगो और एयर इंडिया ग्रुप पिछले साल विलय के बाद घरेलू एविएशन सेक्टर में 90% से अधिक हिस्से को कंट्रोल करती हैं।
दो कंपनियों का चल रहा राज
90 फीसदी से ज्यादा मार्केट शेयर दो कंपनियों के पास होने वाली स्थिति इंडिगो और एयर इंडिया को किराए तय करने में ज्यादा अधिकार देती है और इसने नीति निर्माताओं के बीच चिंता बढ़ गई है।
हालांकि दक्षिण एशियाई देश में किराए को विनियमित नहीं किया जाता है, लेकिन फरवरी में महाकुंभ के दौरान फ्लाइट टिकट की कीमतें काफी बढ़ गईं, जिससे एयरलाइनों को उड़ानें बढ़ाने या किराए में कटौती करने जैसे कई उपाय करने को कहा गया।
DGCA ने मांगा कच्चा-चिट्ठा
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार 3 मार्च को हुई बैठक में भारत के एविएशन रेगुलेटर (DGCA) ने एयरलाइनों से 2022 और 2024 के बीच वसूले जाने वाले हवाई किराए का डेटा शेयर करने को कहा गया।
लेटर के अनुसार, जवाब में, एयरलाइनों ने कहा कि सलाहकारों और थर्ड पार्टी समेत कई बाहरी एजेंसियों को संवेदनशील किराया डेटा के उजागर होने से रणनीतिक शोषण और एयरलाइनों के लिए वाणिज्यिक असफलताओं का जोखिम बढ़ जाता है।
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