World Bank on Indian Economy 2024-25 : भारत दुनिया में सबसे तेजी से करेगा ग्रोथ, लेकिन अगले 3 साल रहेंगे ऐसे, जानें विश्व बैंक ने क्या कहा

World Bank On Indian Economy Growth: भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना रहेगा लेकिन इसके विस्तार की रफ्तार धीमी होने की संभावना है। हालांकि वित्त वर्ष 2023-24 में हाई ग्रोथ के बाद 2024-25 से शुरू होने वाले तीन वित्त वर्षों के लिए औसतन 6.7 प्रतिशत प्रति वर्ष की स्थिर ग्रोथ का अनुमान है।

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India to remain fastest-growing among largest economies World Bank:भारत अगले तीन वर्षों में 6.7 प्रतिशत की स्थिर वृद्धि दर्ज करते हुए सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। विश्व बैंक की नवीनतम ‘वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट’ के मुताबिक, भारत में वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि बढ़कर 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह विश्व बैंक के जनवरी में जताए गए पिछले अनुमान से 1.9 प्रतिशत अधिक है। हालांकि विश्व बैंक ने भारत को लेकर यह भी कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में हाई ग्रोथ के बाद 2024-25 से शुरू होने वाले तीन वित्त वर्षों के लिए औसतन 6.7 प्रतिशत प्रति वर्ष की स्थिर ग्रोथ रहने का अनुमान है।

भारत अर्थव्यवस्था के अगले 3 साल कैसे

रिपोर्ट कहती है कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना रहेगा लेकिन इसके विस्तार की रफ्तार धीमी होने की संभावना है। वित्त वर्ष 2023-24 में हाई ग्रोथ के बाद 2024-25 से शुरू होने वाले तीन वित्त वर्षों के लिए औसतन 6.7 प्रतिशत प्रति वर्ष की स्थिर वृद्धि का अनुमान है। इस सुस्ती के लिए मुख्य रूप से हाई बेस से निवेश में आई मंदी जिम्मेदार है। हालांकि, निवेश वृद्धि अब भी पुराने अनुमान की तुलना में मजबूत रहने की उम्मीद है और पूर्वानुमान अवधि में मजबूत बनी रहेगी, जिसमें मजबूत सार्वजनिक निवेश के साथ निजी निवेश भी होगा।रिपोर्ट कहती है कि निजी खपत वृद्धि को कृषि उत्पादन में सुधार और मुद्रास्फीति में आई गिरावट से फायदा होने की उम्मीद है। जीडीपी के सापेक्ष चालू व्यय को कम करने के सरकार के लक्ष्य के अनुरूप सरकारी खपत में धीमी वृद्धि होने का अनुमान है।

दुनिया की अर्थव्यावस्था का कैसा है हाल

इसके साथ ही विश्व बैंक ने वर्ष 2024 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि के 2.6 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान जताया। उसने कहा कि अगले दो वर्षों में वैश्विक वृद्धि बढ़कर औसतन 2.7 प्रतिशत तक हो जाएगी। हालांकि, यह भी कोविड-19 से पहले के दशक के 3.1 प्रतिशत से काफी कम होगी। रिपोर्ट के मुताबिक इस पूर्वानुमान का मतलब है कि 2024-26 के दौरान दुनिया की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी और वैश्विक जीडीपी वाले देश कोविड-19 से पहले के दशक की तुलना में धीमी गति से बढ़ रहे होंगे।
दक्षिण एशिया क्षेत्र में वृद्धि वर्ष 2023 में 6.6 प्रतिशत रही थी और इसके वर्ष 2024 में सुस्त पड़कर 6.2 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है। इस सुस्ती के पीछे का मुख्य कारण हाल के वर्षों में उच्च आधार से भारत की वृद्धि दर में आई नरमी होगी।हालांकि, विश्व बैंक को भारत में स्थिर वृद्धि दर के साथ 2025-26 में दक्षिण एशिया क्षेत्र की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। इस क्षेत्र की अन्य अर्थव्यवस्थाओं में बांग्लादेश में वृद्धि पिछले वर्षों की तुलना में थोड़ी सुस्त रह सकती है जबकि पाकिस्तान और श्रीलंका में इसके मजबूत रहने की उम्मीद है।’’
रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक मुद्रास्फीति 2024 में 3.5 प्रतिशत और 2025 में 2.9 प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है लेकिन यह रफ्तार छह महीने पहले के अनुमान की तुलना में धीमी है। इससे कई केंद्रीय बैंक नीतिगत ब्याज दरों को कम करने में सावधानी बरत सकते हैं।
विश्व बैंक ने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति सितंबर, 2023 से ही रिजर्व बैंक के दो-छह प्रतिशत के निर्धारित दायरे के भीतर बनी हुई है। हालांकि, दक्षिण एशिया क्षेत्र में भारत को छोड़कर क्षेत्रीय मुद्रास्फीति ऊंचे स्तर से नीचे होने के बावजूद अधिक बनी हुई है।
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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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