S&P Global Rating: ऊंची ब्याज दरों का दिखेगा भारत की इकोनॉमी पर असर, S&P बोला-6.8 फीसदी ही रहेगी ग्रोथ

S&P Global Rating: जिस तरह अभी भी महंगाई दर आरबीआई के लक्ष्य से ज्यादा है। और खाद्य महंगाई पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास खुद चिंता जता रहे हैं। उसका असर मांग पर पड़ने की आशंका एसएंडपी ग्लोबल ने जताया है।

भारतीय इकोनॉमी

S&P Global Rating:एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत पर कायम रखते हुए कहा है कि ऊंची ब्याज दरों और कम राजकोषीय प्रोत्साहन से मांग में कमी आएगी। जबकि वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.9 प्रतिशत और सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। एजेंसी ने यह भी कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी आर्थिक वृद्धि के साथ हैरान कर रही है और बीते वित्त वर्ष (2023-24) में यह 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।

ऊंची ब्याज दरों से मांग पर होगा असर

असल में जिस तरह अभी भी महंगाई दर आरबीआई के लक्ष्य से ज्यादा है। और खाद्य महंगाई पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास खुद चिंता जता रहे हैं। उसका असर मांग पर पड़ने की आशंका एसएंडपी ग्लोबल ने जताया है। उसके अनुसार हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत पर आ जाएगी। ऊंची ब्याज दरों और कम राजकोषीय प्रोत्साहन से गैर-कृषि क्षेत्रों की मांग प्रभावित होगी। हालांकि उसने 2023-24 की ग्रोथ पर कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी आर्थिक वृद्धि के साथ हैरान कर रही है जो बीते वित्त वर्ष (2023-24) में यह 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।

चीन को लेकर क्या है अनुमान

एशिया प्रशांत के लिए सोमवार को जारी अपने आर्थिक परिदृश्य में एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा है कि वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रमश: 6.9 प्रतिशत और सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।चालू वित्त वर्ष के लिए एसएंडपी का वृद्धि दर का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान से कम है। इससे पहले इसी महीने केंद्रीय बैंक ने अनुमान लगाया था कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।वहीं चीन को लेकर एसएंडपी अपने वृद्धि दर के अनुमान को 4.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है।
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