IT Sector: भारतीय आईटी सेक्टर को डॉलर की मजबूती से मलेगा बल, 2025 में बेहतर रहेगी स्थिति
IT Sector: बीएनपी पारिबा इंडिया की ‘इंडिया आईटी सर्विसेज 2025’ रिपोर्ट में कहा गया है कि 'फेड की ब्याज दरों में कटौती' अब एक उम्मीद नहीं रह गई है, बल्कि यह अच्छी तरह से चल रही है। मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और अमेरिकी चुनाव पीछे छूट गए हैं। साथ ही नए प्रशासन को व्यापार के अनुकूल माना जा रहा है।
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IT Sector: भारतीय आईटी सेक्टर के लिए मैक्रो इकोनॉमिक माहौल पिछले दो वर्षों की तुलना में कहीं बेहतर स्थिति में है, जिससे 2025 में इस सेक्टर के पुनरुद्धार होने की उम्मीद की जा रही है। सोमवार को आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। बीएनपी पारिबा इंडिया की ‘इंडिया आईटी सर्विसेज 2025’ रिपोर्ट में कहा गया है कि 'फेड की ब्याज दरों में कटौती' अब एक उम्मीद नहीं रह गई है, बल्कि यह अच्छी तरह से चल रही है। मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और अमेरिकी चुनाव पीछे छूट गए हैं। साथ ही नए प्रशासन को व्यापार के अनुकूल माना जा रहा है। आईटी और ऑटो के विश्लेषक कुमार राकेश ने कहा, "बीएनपीपीई इक्विटी स्ट्रैटेजी टीम द्वारा 2025 के लिए हाइलाइट किए गए कुछ विषय, जो हमें लगता है कि भारतीय आईटी सर्विस सेक्टर की मदद करेंगे, उनमें डॉलर की मजबूती, इन्वेंट्री रीस्टॉकिंग और रिटेल कंज्यूमर फ्रेंडली थीम शामिल हैं।"
फेड ऐसे समय में दरों में कटौती कर रहा है, जब बाजार पहले से ही उच्च स्तर पर हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐतिहासिक रूप से यह बाजार के लिए तेजी का संकेत रहा है। साथ ही, रिपब्लिकन की जीत के साथ, आगे राजकोषीय सहजता की संभावना है। 'अमेरिकी उपभोक्ता विश्वास' लचीला रहा है और एंटरप्राइज कैपेक्स आउटलुक में सुधार हो रहा है। कुमार ने कहा, "हम इन सभी बातों को भारतीय आईटी सर्विस के लिए सकारात्मक मानते हैं। हमने शायद ही कभी निफ्टी आईटी को ऐसे वर्ष में कमजोर प्रदर्शन करते देखा है, जब आय वृद्धि और मार्जिन दोनों में सुधार हुआ हो, जो 2025 में संभावित परिणाम होगा।"
टेक्नोलॉजी के लिए वैश्विक बीएनपीपीई सेक्टर की रेटिंग को 'न्यूट्रल' से अपग्रेड कर 'ओवरवेट' कर दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, "हम भारतीय आईटी सर्विस सेक्टर को अमेरिकी मौद्रिक और राजकोषीय सहजता चक्र में घरेलू निवेशकों के लिए उपलब्ध एकमात्र बेहतर सेक्टर के रूप में देखते हैं। हालांकि, बड़े जोखिमों में ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी, मुद्रास्फीति पर इसका प्रभाव और रेट कट को लेकर फेड का कमिटमेंट शामिल होंगे।"
रिपोर्ट में कहा गया है, "हालांकि, वैल्यूएशन बढ़ा हुआ दिखता है, लेकिन सेक्टर की प्रति शेयर आय (ईपीएस) का बेहतर प्रदर्शन और आगे की ईपीएस वृद्धि और मूल्य से आय (पी/ई) के बीच संबंध हमें ओ/पी-रेटेड शेयरों के वैल्यूएशन पर कुछ आराम देते हैं।"
(इनपुट-आईएएनएस)
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अंकिता पाण्डेय author
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