रेलवे का मेक इन इंडिया पर जोर, PLI स्कीम लाने की तैयारी, अब घर में बनेंगे कलपुर्जे
PLI Scheme For Train Parts: पीएलआई स्कीम के तहत, सरकार उन उत्पादों के लिए आउटपुट-लिंक्ड इंसेंटिव प्रोवाइड करती है जो आमतौर पर आयात किए जाते हैं। रेलवे के लिए जिस पीएलआई स्कीम पर विचार किया जा रहा है, वो भारतीय रेलवे में केवल दो प्रकार के पैसेंजर कोच रखने की सरकार की योजना के अनुरूप है।
ट्रेन पार्ट्स के लिए पीएलआई स्कीम
- ट्रेन के कलपुर्जों का होगा लोकलाइजेशन
- देश में बनेंगे ट्रेन के कलपुर्जे
- मैंटेनेंस कॉस्ट में आएगी कमी
PLI Scheme For Train Parts: सरकार विदेशी मैन्युफैक्चरिंग फर्मों को आकर्षित करने और आयात पर निर्भरता कम करने के अपने प्रयासों के तहत ट्रेन कंपोनेंट (कलपुर्जे) बनाने वालों के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) स्कीम शुरू करने की योजना बना रही है।
पीएलआई स्कीम की रूपरेखा एक कंसल्टेंसी फर्म की मदद से तैयार की जाएगी, जिसे इस महीने बोली प्रक्रिया (Bid Process) के माध्यम से चुना जाएगा। कंसल्टेंट उन कंपोनेंट की एक लिस्ट तैयार करेगा जो बड़े पैमाने पर आयात किए जाते हैं और इंजन और कोच बनाने में उपयोग किए जाते हैं, जिन्हें रोलिंग स्टॉक भी कहा जाता है।
संबंधित खबरें
ये भी पढ़ें - इस अरबपति ने खड़ी की सबसे बड़ी एयरलाइन, अब छोड़ रहा कंपनी का साथ
क्या है पीएलआई स्कीम
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार पीएलआई स्कीम के तहत, सरकार उन उत्पादों के लिए आउटपुट-लिंक्ड इंसेंटिव प्रोवाइड करती है जो आमतौर पर आयात किए जाते हैं। रेलवे के लिए जिस पीएलआई स्कीम पर विचार किया जा रहा है, वो भारतीय रेलवे में केवल दो प्रकार के पैसेंजर कोच रखने की सरकार की योजना के अनुरूप है।
इन पैसेंजर कोच में लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी) और वंदे भारत शामिल हैं। अभी अलग-अलग ट्रेनों में विभिन्न प्रकार के 28 पैसेंजर कोच मौजूद हैं।
कितने फीसदी कंपोनेंट किए जाते हैं आयात
1999 में शुरू किए गए एलएचबी कोचों में इम्पोर्ट कंपोनेंट लगभग 1.5% है, लेकिन वंदे भारत ट्रेनों में यह लगभग 15% होने का अनुमान है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार वंदे भारत ट्रेनों की निर्यात क्षमता का आकलन करने और ट्रेन में उपयोग किए जाने वाले कलपुर्जों के लोकलाइजेशन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपायों पर ध्यान दिया जाएगा। इससे 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम को फायदा होगा।
मैंटेनेंस कॉस्ट में आएगी कमी
रेल के कलपुर्जों के देश में बनने से इन कोचों की मैंटेनेंस यानी रखरखाव लागत को कम करने में भी मदद मिलेगी। यह पीएलआई स्कीम नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाने या कोच और इंजन पार्ट्स की सप्लाई के लिए मौजूदा यूनिट्स का विस्तार करने में प्रोत्साहित करेगा, जो आम तौर पर आयात किए जाते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें
Reliance Industries: रिलायंस इंडस्ट्रीज आंध्र प्रदेश में लगाएगी बायोगैस, 65,000 करोड़ रुपये करेगी इन्वेस्ट
IIP: सितंबर में 3.1% बढ़ा औद्योगिक उत्पादन, माइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग, पावर सेक्टर्स का बेहतर प्रदर्शन
Retail inflation in October 2024: खुदरा महंगाई दर 14 महीने में सबसे ज्यादा, फूड इंफ्लेशन बढ़कर हुई 10.87 प्रतिशत
Gold-Silver Rate Today 12 November 2024: सोने की कीमत में गिरावट, 75000 से भी नीचे पहुंचें दाम, देखें आपके शहर में क्या है कीमत
NSE New Office: मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में खुलेगा NSE का नया ऑफिस, 1.65 लाख वर्ग फुट में होंगे दो फ्लोर
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited