Indian Railways: ट्वीटर के 'X' का इंडियन रेलवे ने कोच से निकाला कनेक्शन, यूजर्स से पूछ लिया ये रोचक सवाल

Indian Railways Connection With Twitter: एलन मस्क ने ट्विटर का नाम और लोगो बदलकर X कर दिया है। दरअसल अंग्रेजी वर्णमाला के इस एक एक्स लेटर से एलन मस्क का संबंध दशकों पुराना है।

Indian railway meaning of x behind train

भारतीय रेलवे ने भी X को लेकर एक बेहद रोचक सवाल पूछा

Indian Railways Connection With Twitter: एलन मस्क ने ट्विटर का नाम और लोगो बदलकर X कर दिया है। दरअसल अंग्रेजी वर्णमाला के इस एक एक्स लेटर से एलन मस्क का संबंध दशकों पुराना है। इस बीच इंडियन रेलवे ने बहती गंगा में हाथ धोना बेहतर समझा और अपने यूजर्स से X के बारे में सवाल दाग दिए। आखिरकार सोशल मीडिया में जवाब देने वाले भी कहां पीछे रहते हैं। रेलवे के इस सवाल पर कमेंट्स किए जा रहे हैं और ट्वीट वायरल हो रहा है।

दरअसल, मस्क की ओर से ट्विटर को X किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है। इसे लेकर कई मीम भी बन रहे हैं। इसी बीच भारतीय रेलवे ने भी X को लेकर एक बेहद रोचक सवाल अपने ट्विटर फॉलोअर्स से पूछा है। दक्षिण-पश्चिम रेलवे की ओर से पूंछे गए इस सवाल पर कई कमेंट्स भी आए हैं।

दक्षिण-पश्चिम रेलवे ट्वीट कर पूछा ये सवाल

दक्षिण-पश्चिम रेलवे (South Western Railway) ने ट्वीट कर कहा है कि भारतीय रेलवे का X फैक्टर, क्या आप डिब्बे के पीछे इस साइन का मतलब जानते हैं। दरअसल, हम जब भी ट्रेन से जाते हैं, तो हमेशा जल्दी-जल्दी में ट्रेन का डब्बा ढूंढने के लिए भागते हैं। फटाफट अपनी रिजर्व की हुई सीट में बैठ जाते हैं। लेकिन कभी आपने ट्रेन का पीछे का डब्बा देखा है, अगर हां, तो जरूर आपने पीछे लिखे एक बड़े X पर ध्यान दिया होगा। और अगर नहीं देखा है, तो घूमने-फिरने के लिए जा ही रहे हैं, एक बार जरूर इस एक्स पर गौर कर लें। इसका कई लोगों ने जवाब भी देने की कोशिश की है। कुछ लोग सफल रहे कुछ लोग असफल भी रहे।

ये होता है डिब्बे पर लिखे X का मतलब

ट्रेन के डिब्बे के पीछे लिखे X का मतलब होता है कि ये डिब्बा ट्रेन का आखिरी कोच है। ये अक्षर ट्रेन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आखिरी डब्बे पर सफेद-पीले रंग में लिखा जाता है। इस अक्षर को देखकर स्टेशन मास्टर को समझ आ जाता है कि पूरी ट्रेन गुजर चुकी है। इसके साथ ही यात्रियों को भी समझ में आ जाता है कि ट्रेन प्लेटफॉर्म से आगे बढ़ गई है।

अगर स्टेशन मास्टर को ये निशान नहीं दिखता है तो उन्हें समझ में आ जाता है कि अभी पूरी ट्रेन प्लेटफॉर्म पर नहीं आई है। इसके पीछे वाले कोच अभी आने बाकी हैं। जब पूरे डिब्बे नहीं दिखाई देते हैं, तो वायरलैस मैसेज के जरिए उन खोए हुए डिब्बों की जानकारी ली जाती है।

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