ग्रोथ के लिए 7927 करोड़ रु खर्च करेगा इंडियन रेलवे, 375 किमी के मल्टी-ट्रैकिंग प्रोजेक्ट से बदलेगी महाराष्ट्र, एमपी, यूपी की तस्वीर

Indian Railways 375 km Multi Tracking Project: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में तीन महत्वपूर्ण रेलवे प्रोजेक्ट्स का अनावरण किया है। इन प्रोजेक्ट्स पर कुल 7,927 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इसे चार साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

Indian Railways 375 km Multi Tracking Project

Indian Railways 375 km Multi Tracking Project

Indian Railways 375 km Multi Tracking Project: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी (CCEA) द्वारा स्वीकृत तीन महत्वपूर्ण रेलवे प्रोजेक्ट्स का अनावरण किया है। इन प्रोजेक्ट्स का उद्देश्य कनेक्टिविटी को बढ़ाने और आर्थिक विकास को गति देने के साथ ही महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढ़ाचें को सुधारना भी है। रेलवे मंत्री ने इन प्रोजेक्ट्स की विस्तृत जानकारी दी और उनके सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों के बारे में भी बताया।

इन स्वीकृत प्रोजेक्ट्स में 375 किमी लंबी मल्टी ट्रैकिंग लाइनों का निर्माण शामिल है:

  • जलगांव - मनमाड चौथी लाइन (160 किमी)
  • भुसावल - खांडवा तीसरी और चौथी लाइन (131 किमी)
  • प्रयागराज - माणिकपुर तीसरी लाइन (84 किमी)

मुंबई और प्रयागराज के बीच बेहतर होगी कनेक्टिविटी

Financial Express की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन प्रोजेक्ट्स का उद्देश्य मुंबई और प्रायगराज के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर और यात्रा को सुगम बनाने के साथ ही लॉजिस्टिक कॉस्ट को घटाना है। इस बुनियादी ढांचे से उत्तर महाराष्ट्र के खानदेश क्षेत्र और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र को काफी लाभ होगा, जिससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और कृषि और औद्योगिक वस्तुओं की आवाजाही में आसान होगी।

उद्योगों को मिलेगा लाभ

ये प्रोजेक्ट्स पूर्वांचल और मुंबई के बीच कंटेनर की आवाजाही को बढ़ाने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा हैं, जिसमें वाराणसी जैसे केंद्र भी शामिल हैं। ये नेटवर्क ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) के लिए फीडर सेक्शन के रूप में काम करेगा, जिससे शहरी केंद्रों और प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर भीड़भाड़ कम होगी। कनेक्टिविटी में सुधार के चलते जवाहरलाल नेहरू पोर्ट और आगामी वाधवान पोर्ट तक पहुंच बढ़ेगी, जिससे लॉजिस्टिक में आसानी होगी। इससे न केवल उद्योगों को लाभ होगा बल्कि लागत कम होगी और निर्यात प्रतिस्पर्धा में भी सुधार होगा।

CO2 उत्सर्जन में आएगी कमी

रेलवे मंत्री वैष्णव ने बताया कि इन प्रोजेक्ट्स की वजह से 271 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन में कमी आएगी, जो कि 15 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। इसके साथ ही सालाना 15 करोड़ लीटर डिजल की बचत होगी और प्रतिवर्ष 50 मिलियन टन कार्गो की लोडिंग क्षमता में वृद्धि होगी। बता दें कि इन प्रोजेक्ट्स पर कुल 7,927 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इसे चार साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

तीर्थयात्रियों को होगी आसानी

रेलवे क्षमता में सुधार के चलते तीर्थयात्रियों को नासिक (त्र्यंबकेश्वर), खंडवा (ओंकारेश्वर) और वाराणसी (काशी विश्वनाथ) के ज्योतिर्लिंगों के साथ-साथ प्रयागराज, चित्रकूट, गया और शिरडी जैसे स्थलों की यात्रा करने में आसानी होगी। अजंता और एलोरा गुफाओं और खजुराहो जैसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों तक बेहतर पहुंच से पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। वहीं, शेतकारी समृद्धि रेल की सफलता पर प्रकाश डालते हुए रेल मंत्री ने बताया कि लॉन्च के बाद से ही इसमें 200 प्रतिशत यात्री सवारियां हैं। नासिक के किसानों से मिली जानकारी के आधार पर तैयार की गई इस ट्रेन में 10 कोच यात्री और 10 कोच कृषि उपज के लिए समर्पित हैं, जिससे छोटे किसानों को सामान की आवाजाही में आसानी होती है।

सुरक्षा, स्थिरता और कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा

केंद्र सरकार के रेलवे प्रोजेक्ट्स सुरक्षा, स्थिरता और कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करते हैं। कवच जैसी उन्नत तकनीकों को एकीकृत करके और किसान-हितैषी पहलों को बढ़ावा देकर, रेलवे भारत में लॉजिस्टिक्स और ट्रांस्पोर्टेशन को बदलते हुए आर्थिक विकास और जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तैयार है। ये प्रोजेक्ट्स न केवल प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ेंगी बल्कि औद्योगिक विकास, पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत को भी बढ़ावा देंगी।

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अंकिता पाण्डेय author

मैं अंकिता पान्डे Timesnowhindi.com जुड़ी हूं । मैं उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर प्रतापगढ़ में पली बढ़ी हूं। शुरुआती पढ़ाई लिखाई भी वहीं रहकर हुई। ज...और देखें

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