Budget 2024: भारतीय अंतरिक्ष संघ को बजट में पीएलआई, जीएसटी छूट की उम्मीद

Budget 2024: भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र संघ ने केंद्र सरकार से अंतरिक्ष क्षेत्र की फर्मों के लिए टैक्स हॉलीडे और छूट, अधिसूचित आयातों के लिए सीमा शुल्क में रियायत और कम लाभ मार्जिन को देखते हुए सैटेलाइट सेक्टर के लिए विदहोल्डिंग टैक्स को 10 प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत करने की मांग की है।

space

अंतरिक्ष सेक्टर

Budget 2024: भारतीय अंतरिक्ष संघ ने आगामी बजट में अंतरिक्ष अभियानों में काम आने वाले कंपोनेंट्स के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में छूट, कर अवकाश, रियायती सीमा शुल्क और बाहरी वाणिज्यिक उधार पर कम कर दर की उम्मीद जताई है। उसके अनुसार, उपग्रहों, रॉकेटों और जमीनी उपकरण विनिर्माण के साथ-साथ प्रमुख इनपुट की खरीद पर भी जीएसटी में छूट दी जानी चाहिए।चूंकि अंतरिक्ष क्षेत्र पूंजी प्रधान है, इसलिए बाह्य वाणिज्यिक उधार पर कर की दर को कम करके पांच प्रतिशत किया जाना चाहिए।

वित्त मंत्री से ये प्रमुख उम्मीद

भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र संघ ने केंद्र सरकार से अंतरिक्ष क्षेत्र की फर्मों के लिए टैक्स हॉलीडे और छूट, अधिसूचित आयातों के लिए सीमा शुल्क में रियायत और कम लाभ मार्जिन को देखते हुए सैटेलाइट सेक्टर के लिए विदहोल्डिंग टैक्स को 10 प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत करने की माँग की है। सरकार से कृषि, आपदा प्रबंधन आदि जैसे क्षेत्रों में अंतरिक्ष तकनीकी समाधान खरीदने और अपनाने की भी माँग की गई है।संघ ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र और संबंधित पहलुओं के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति पर स्पष्टता की तत्काल आवश्यकता है।

संघ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ए.के. भट्ट ने कहा कि हम सरकार के हालिया सुधारों और प्रशासनिक दृष्टिकोण के माध्यम से उपग्रह स्पेक्ट्रम आवंटित करने की अभूतपूर्व पहल का स्वागत करते हैं। इन पहलों में निस्संदेह भारत में उभरते निजी अंतरिक्ष उद्योग को बढ़ावा देने की क्षमता है।

कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए ये कदम जरूरी

नए दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत गैर-नीलामी स्पेक्ट्रम आवंटित उपग्रह सेवाओं के लिए समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के प्रतिशत के रूप में उचित एसयूसी (स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क) ढांचा तैयार करने, कर प्रभाव को अनुकूलित करने के लिए सैटेलाइट ऑपरेटरों को एकमुश्त शुल्क और लाइसेंस शुल्क पर 25 प्रतिशत मूल्यह्रास की अनुमति की भी मांग की है।दूरदराज के क्षेत्रों में सुविधाओं के लिए अतिरिक्त सब्सिडी के साथ बुनियादी ढांचे के निवेश पर पूंजीगत सब्सिडी, विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे की उन्नति शुरू करने और भारत के निजी अंतरिक्ष उद्योग में डाउनस्ट्रीम अंतरिक्ष पेशकश में वृद्धि का प्रस्ताव है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

    TNN बिजनेस डेस्क author

    TNN बिजनेस डेस्कऔर देखें

    End of Article

    © 2025 Bennett, Coleman & Company Limited