रोज के खर्चे भारतीयों की सबसे बड़ी टेंशन, मेडिकल और एजुकेशन एक्सपेंस भी मुसीबत
Indians Are Concerns About Expenses: सर्वे में शामिल लगभग 43 प्रतिशत लोगों ने डेली कंजम्पशन की चीजों की बढ़ती कीमत को अपनी सबसे बड़ी चिंता बताया। जबकि इस रिपोर्ट के दूसरे एडिशन यानी फाइनेंशियल इम्युनिटी स्टडी 2.0 के दौरान सर्वे में शामिल लोगों ने मुद्रास्फीति और दैनिक वस्तुओं की बढ़ती कीमत को सबसे कम चिंता वाला विषय बताया था।
खर्चों को लेकर चिंतित हैं भारतीय
- भारतीयों के लिए सबसे बड़ी चिंता डेली के खर्चे
- दूसरे नंबर पर मेडिकल खर्च की चिंता
- पढ़ाई का बोझ भी बना मुसीबत
Indians Are Concerns About Expenses: बढ़ती महंगाई लोगों के लिए एक बड़ी चिंता है। इस समय भारत में लोगों को रोजमर्रा के खर्चों की सबसे ज्यादा टेंशन है। इसके बाद लोग बढ़ते चिकित्सा और शिक्षा खर्चों को लेकर सबसे अधिक चिंतित हैं। इस बात का खुलासा एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस (SBI Life Insurance) के फाइनेंशियल इम्युनिटी स्टडी के तीसरे एडिशन में हुआ है।
डेली के खर्चे सबसे बड़ी परेशानी
सर्वे में शामिल लगभग 43 प्रतिशत लोगों ने डेली कंजम्पशन की चीजों की बढ़ती कीमत को अपनी सबसे बड़ी चिंता बताया। जबकि इस रिपोर्ट के दूसरे एडिशन यानी फाइनेंशियल इम्युनिटी स्टडी 2.0 के दौरान सर्वे में शामिल लोगों ने मुद्रास्फीति और दैनिक वस्तुओं की बढ़ती कीमत को सबसे कम चिंता वाला विषय बताया था।
और क्या हैं टेंशन
सर्वे में शामिल 36 फीसदी लोगों ने बढ़ते चिकित्सा खर्च को डेली खर्चों के बाद अपनी दूसरी सबसे बड़ी चिंता माना। फिर नंबर आता है शिक्षा की बढ़ती लागत (35 प्रतिशत), संभावित मंदी और उसका प्रभाव (27 प्रतिशत), खराब मानसिक हालत (24 प्रतिशत), कमजोर शारीरिक स्थिति (24 प्रतिशत), नौकरी छूटना (23 प्रतिशत) और जीवन/स्वास्थ्य बीमा की अपर्याप्तता (19 प्रतिशत) का।
कहां खर्च हो रहा भारतीयों का पैसा
स्टडी के अनुसार औसतन भारतीय उपभोक्ता परिवारों की सालाना कमाई का 52 प्रतिशत उनकी फाइनेंशियल स्थिति को मजबूत करने के लिए खर्च होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस खर्च का बचत में 17 प्रतिशत, फाइनेंशियल एसेट्स में 16 प्रतिशत, जीवन बीमा में 11 प्रतिशत और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में 8 प्रतिशत जाता है।
फाइनेंशियल तौर पर भारतीय कितने मजबूत
सर्वे में उत्तरदाताओं ने 1 से 10 के पैमाने पर अपनी वित्तीय मजबूती के स्तर को रेटिंग दी। 30 से 40 साल की आयु वाले लोगों ने खुद को सबसे ज्यादा अंक (7.2) दिए, इसके बाद 40 से 50 की उम्र वाले लोगों (6.9) का नंबर है। वहीं 20 से 30 साल की उम्र वाले लोगों ने खुद को सबसे कम 6.6 नंबर दिए।
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