Home And Car Loan: भारतीयों ने बदला जीने का तरीका, अब बचत नहीं कार-घर जरूरी, शौक के लिए लोन फेवरेट

Home And Car Loan: आधिकारिक डेटा के मुताबिक घरेलू शुद्ध वित्तीय बचत गिरकर जीडीपी का 5.1% हो गया है। भारतीय लोगों ने अपनी बचक का अधिकांश खर्च घर और कार खरीदने पर किया। जिससे लोग कर्ज में भी डूबे।

लोगों ने घर और कार खरीदने पर अधिक खर्च किए।

Home And Car Loan: आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में भारतीय परिवारों की शुद्ध वित्तीय बचत में 6 प्रतिशत की कमी आई है क्योंकि लोगों ने इसका उपयोग घरों और वाहनों जैसी संपत्ति हासिल करने के लिए किया। जबकि इसकी वजह से कर्ज में डूबने वालों की संख्या बढ़ गई। फिर भी अर्थशास्त्रियों का कहना है कि कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में लोगों की लोन चुकाने की क्षमता अधिक है। घरेलू शुद्ध वित्तीय बचत पर आधिकारिक डेटा से संकेत मिलता है कि यह 2020-21 में 11.5% से गिरकर वित्त वर्ष 2023 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.1% हो गया। यह दीर्घकालिक वार्षिक औसत 7.0-7.5% से नीचे है। यह गिरावट वित्तीय देनदारियों में तेजी से वृद्धि (घरेलू उधार-वित्त वर्ष 2012 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.8% से वित्त वर्ष 2023 में 5.8% तक) हुई।

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भारतीय रिजर्व बैंक के एक हालिया विश्लेषण में कहा गया कि चूंकि देनदारियों का एक बड़ा हिस्सा घर और वाहन पर खर्च करने के कारण हुआ। परिवारों की कुल बचत अभी भी फिजिकल बचत के पक्ष में एक संरचनात्मक बदलाव के साथ स्थिर रह सकती है। लेकिन बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के आंकड़ों और आरबीआई के अपने अनुमानों की तुलना करने पर भारत का घरेलू कर्ज सेवा अनुपात कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में सबसे कम में से एक है। मार्च 2023 तक भारत का कर्ज सेवा अनुपात 6.7% है जो अमेरिका के 7.8%, जापान के 7.5%, यूके के 8.5%, कनाडा के 14.3% और दक्षिण कोरिया के 14.1% से कम है। अनुपात कर्ज दायित्वों को पूरा करने के लिए आवश्यक घरेलू डिस्पोजेबल आय के अनुपात को मापता है।

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