मोटी कमाई लेकिन नई नौकरियों में कटौती, टाटा-रिलायंस सभी BIG का यही हाल, कहीं AI तो नहीं कारण
AI Vs Jobs: महिंद्रा समूह में नियुक्तियों में 2.2% की कमी आई है। जिसमें हाल ही में टेक महिंद्रा ने 7,000 कर्मचारियों की छंटनी भी शामिल है। नई भर्तियों में कमी का बड़ा कारण महामारी के कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और ऑटोमेशन को तेजी से अपनाना हो सकता है।
AI Vs Jobs
AI Vs Jobs: अमेरिकी टेक कंपनियों में लगातार छंटनी के बाद अब भारत में भी नौकरियों में कटौती का दौर शुरू हो गया है। कंपनियां जमकर मुनाफा कमा रही हैं लेकिन नौकरियों में लगातार कमी हो रही है। इन कंपनियों में टाटा, रिलायंस, अडानी जैसी बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं। आंकड़ों की बात करें तो वित्त वर्ष 2024 में वित्त वर्ष 2023 के मुकाबले करीब 2,42,160 कम भर्तियां हुई हैं। जबकि इसी समय में टॉप लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटल 43.8% बढ़ा है।
मुनाफे पर भी नई भर्तियों में कटौती
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के टॉप-6 लिस्टेड ग्रुप तेजी से कमाई कर रहे हैं और मार्केट कैपिटल में 100 लाख करोड़ रुपये (10 सितंबर तक 99.2 लाख करोड़ रुपये) के करीब हैं। यह कंपनियां अपना रेवेंयू और प्रॉफिट भी बढ़ा रही हैं। वित्त वर्ष 24 में, इन ग्रुप की कमाई में 7.3%, मुनाफे में 22.3% और मार्केट कैप में 43.8% की आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है। इसके बाद भी इसके कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि -0.2% है। यानी की कमी आई है।
एक साल में घटीं 1 लाख नौकरियां
कैपिटालाइन और ब्लूमबर्ग की वार्षिक रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के यह टॉप-6 लिस्टेड ग्रुप, जिनमें 69 लिस्टेड कंपनियां शामिल हैं, ने वित्त वर्ष 23 में 1.74 मिलियन लोगों को रोजगार दिया, जो इस साल यानी वित्त वर्ष 24 में घटकर 1.73 मिलियन रह गया। यानी इसमें 1 लाख नौकरियों की कमी आई है। इसका कारण महामारी के कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और ऑटोमेशन को तेजी से अपनाना बड़ा कारण हो सकता है।
भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में क्या है नौकरियों की स्थिती
टाटा समूह की 23 लिस्टेट कंपनियों में 824,000 कर्मचारी काम करते हैं। हालांकि, टाटा समूह में कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि स्थिर है। वहीं रिलायंस समूह ने वित्त वर्ष 23 में 48,000 नए कर्मचारी (कुल 412,000) जोड़े, लेकिन वित्त वर्ष 24 में इसमें 44,000 कर्मियों ( कुल-367,000) की संख्या कम हुई है। इसके अलवा अडानी समूह की 11 लिस्टेड कंपनियों ने वित्त वर्ष 24 में केवल 1,047 कर्मचारी (कुल 36,000 कर्मचारी) जोड़े हैं। गौरतलब है कि इतने कम कार्यबल के साथ अडानी ग्रुप, भारत के टॉप-6 लिस्टेड ग्रुप में तीसरे नंबर पर है। जबकि बाकी कंपनियों में कम से कम 150,000 कर्मचारी हैं।
देश के टॉप-6 लिस्टेड ग्रुप से इतर बात करें तो बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा 1,196 कंपनियों के बड़े सेंपल पर आधारित एक स्टडी से पता चला है कि वित्त वर्ष 2024 में रोजगार में वृद्धि में कमी आई है। यह वित्त वर्ष में 5.7% थी, जो अब घटकर मात्र 1.5% पर आ गई है। रिपोर्ट के अनुसार, बजाज समूह के कर्मचारियों की संख्या में 26% की वृद्धि हुई है, जो कि सबसे अधिक है। हालांकि, बजाज ऑटो वित्त वर्ष 22 में 7,317 कर्मचारी से वित्त वर्ष 24 में 6,192 रह गए हैं। महिंद्रा समूह में नियुक्तियों में 2.2% की कमी आई है। बता दें कि हाल ही में टेक महिंद्रा ने 7,000 कर्मचारियों की छंटनी भी की है।
एक साल में 2 लाख से कम हुईं भर्तियां
कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2024 में इन कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या 90,840 बढ़कर 6.25 मिलियन हो गई है। जो कि वित्त वर्ष 2023 में 333,000 नई भर्तियों के साथ कुल 6.16 मिलियन थी। यानी वित्त वर्ष 2024 में पिछले साल के मुकाबले करीब 2,42,160 कम भर्तियां हुई हैं।
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