Trade Deficit: जुलाई में भारत का व्यापार घाटा बढ़ा, चावल, काजू, तिलहन, पेट्रोलियम समेत कई वस्तुओं के निर्यात में गिरावट
Trade Deficit: जुलाई में सालाना आधार भारत का निर्यात 1.2 प्रतिशत घटकर 33.98 अरब डॉलर रहा है। एक साल पहले इसी महीने में यह आंकड़ा 34.39 अरब डॉलर था। चावल, काजू, तिलहन, समुद्री उत्पाद, रत्न एवं आभूषण, रसायन तथा सूती धागा और कपड़े समेत कई वस्तुओं के निर्यात में गिरावट हुई।
देश का व्यापार घाटा बढ़ा (तस्वीर-Canva)
Trade Deficit: भारत का वस्तुओं का निर्यात तीन महीने सकारात्मक दायरे में रहने के बाद जुलाई में सालाना आधार पर 1.2 प्रतिशत घटकर 33.98 अरब डॉलर रहा है। एक साल पहले इसी महीने में यह आंकड़ा 34.39 अरब डॉलर था। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। आंकड़ों के अनुसार, देश का आयात जुलाई में करीब 7.45 प्रतिशत बढ़कर 57.48 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल इसी महीने में 53.49 अरब डॉलर था। इस दौरान कच्चे तेल, चांदी और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का आयात प्रमुख रूप से बढ़ा है।
कच्चे तेल का आयात 17.44 प्रतिशत बढ़कर जुलाई में 13.87 अरब डॉलर हो गया, वहीं चांदी का आयात 439 प्रतिशत उछाल के साथ 16.57 करोड़ डॉलर हो गया। आंकड़ों के अनुसार, व्यापार घाटा जुलाई में 23.5 अरब डॉलर रहा है। इसी साल जून में यह 21 अरब डॉलर और पिछले साल जुलाई में 19.3 अरब डॉलर था। आयात और निर्यात के अंतर को व्यापार घाटा कहते हैं।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने आंकड़े जारी करने के बाद मीडिया से कहा कि मौजूदा रुझानों को देखने से पता चलता है कि देश का कुल माल एवं सेवा निर्यात पिछले साल के 778 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा। उन्होंने कहा कि वस्तु निर्यात में गिरावट का एक कारण पेट्रोलियम उत्पादों की मांग घटना है। पेट्रोलियम निर्यात 22.15 प्रतिशत घटकर 5.22 अरब डॉलर रह गया है। अन्य निर्यात क्षेत्र, जिनमें माह के दौरान गिरावट दर्ज की गई, उनमें चावल, काजू, तिलहन, समुद्री उत्पाद, रत्न एवं आभूषण, रसायन तथा सूती धागा/कपड़े शामिल हैं। सोने का आयात जुलाई में 10.65 प्रतिशत गिरकर 3.13 अरब डॉलर रहा गया है। हालांकि, जुलाई में इलेक्ट्रॉनिक सामान, फार्मा और इंजीनियरिंग निर्यात में क्रमशः 37.31 प्रतिशत, 8.36 प्रतिशत और 3.66 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
देश का वस्तु निर्यात जून में 2.56 प्रतिशत बढ़कर 35.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। हालांकि, इस दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 20.98 अरब डॉलर रहा था। चालू वित्त वर्ष (2024-25) के पहले चार माह (अप्रैल-जुलाई) में निर्यात 4.15 प्रतिशत बढ़कर 144.12 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जबकि आयात 7.57 प्रतिशत बढ़कर 229.7 अरब डॉलर रहा है। पहले चार महीनों के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 85.58 अरब डॉलर हो गया है, जो पिछले साल समान अवधि में 75.15 अरब डॉलर था।
अप्रैल-जुलाई 2024 के दौरान सेवा निर्यात का अनुमानित मूल्य 117.35 अरब डॉलर रहा, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 106.79 अरब डॉलर था। इसी अवधि में आयात 62.95 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। बर्थवाल ने कहा कि मंत्रालय अफ्रीका जैसे विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रहा है, जहां अमेरिका, यूरोप और चीन निर्यात कर रहे हैं।
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