महंगाई की मार से मिडिल क्लास पस्त ! कैसे मनेगी इस बार दिवाली

Inflation In Festive Season:राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने महंगाई और बेरोजगारी की वह बात उठाई है, जिसे कहने से सत्ताधारी दल के नेता बच रहे हैं। लेकिन अगर आंकड़ों को देखा जाय तो महंगाई ने घर की थाली के बजट से रसोई गैस, घर की EMI जैसी जरूरी चीजों का बजट बिगाड़ दिया है।

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महंगाई से मिडिल क्लास परेशान

मुख्य बातें
  • अगस्त में महंगाई दर 7.0 फीसदी के स्तर पर है। जिससे खाने-पीने की वस्तुओं के दाम से लेकर कपड़ों की कीमतों पर असर हुआ है।
  • होम लोग ग्राहक बार-बार ईएमआई बढ़ने से परेशान, 5 बार में 1.90 फीसदी बढ़ा रेपो रेट
  • LPG की बढ़ती कीमतों ने रसोई का बिगाड़ा बजट, 3 साल 300 रु. से ज्यादा बढ़ गए दाम

Inflation In Festive Season: त्योहारों का मौसम है और हर तरफ सेल की धूम है। कंपनियां डिस्काउंट और नए फीचर्स के साथ ग्राहकों को लुभाने की कोशिश कर रही है। लेकिन इस बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने महंगाई और बेरोजगारी की वह बात उठाई है, जिसे कहने से सत्ताधारी दल के नेता बच रहे हैं। लेकिन अगर आंकड़ों को देखा जाय तो महंगाई ने घर की थाली के बजट से रसोई गैस, घर की EMI जैसी जरूरी चीजों का बजट बिगाड़ दिया है। जिसका सीधा असर मिडिल क्लास पर पड़ रहा है।

पेट्रोल-डीजल-LPG पर नहीं मिल रही है राहत

बात सबसे पहले पेट्रोल-डीजल की, जो हमारी इकोनॉमी को रफ्तार देने में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन अगर साल मई 2019 से अभी तक के आंकड़े देखे जाएं तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी इजाफा हो चुका है। मई 2019 से लेकर 3 अक्टूबर 2022 तक डीजल के दाम करीब 27 रुपये बढ़ चुके हैं। इसी तरह पेट्रोल के दाम इस अवधि में करीब 29 रुपये बढ़ चुके हैं।

पेट्रोल-डीजल की तरह घरेलू गैस सिलेंडर का भी हाल है। LPG के दाम भी मई 2019 से अक्टूबर (4 अक्टूबर) 2022 तक करीब 332 रुपये का इजाफा हो चुका है। मई 2019 में घरेलू गैस सिलेंडर का दाम 712.50 रुपये था। जो कि अब 1,053.00 रुपये पर पहुंच चुका है।

पेट्रोलियम उत्पादखपत (अगस्त)3 साल में कितने बढ़े दाम (रुपये)
पेट्रोल2394,000 MT29
डीजल3005,000 MT27
LPG6338,000 MT332
स्रोत: Petroleum planning and analysis cell (For Petroleum Products Consumption)

सब्जियों से लेकर कपड़े तक महंगे

ऐसा ही हाल खाने-पीने की वस्तुओं के दाम से लेकर कपड़े तक का है। सितंबर 2022 में जारी रिटेल महंगाई दर के आंकड़ों के अनुसार अगस्त में महंगाई दर 7.0 फीसदी रही है। जबकि इस दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 7.62 फीसदी रही है। इसमें भी परेशान करने वाली बात यह है कि अनाज की महंगाई दर करीब दो अंकों में पहुंच गई है। वहीं सब्जियों मसालों के दार दहाई अंक को भी पार कर गए हैं।

वस्तुएंअगस्त में महंगाई दर (फीसदी में)
अनाज और अन्य उत्पाद9.57
सब्जियां13.23
मसाले 14.90
कपड़े9.59
फुटवियर11.85
ईंधन और बिजली10.78
पर्सनल केयर7.00
स्रोत: MOSPI

होम लोन ग्राहकों पर बढ़ता बोझ

महंगाई रोकने के लिए आरबीआई द्वारा बार-बार कर्ज महंगा करने का कदम होम लोन, कार लोन और दूसरे लोन ग्राहकों पर भारी पड़ रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले 5 बार में 1.90 फीसदी रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी है। जो कि 3 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचकर 5.90 फीसदी हो गया है। रेपो रेट बढ़ोतरी का पहला झटका पहले से लोन लेकर ईएमआई चुकाने वालों पर पड़ रहा है। इसे इस तरह समझा जा सकता है कि अगर किसी व्यक्ति ने 25 लाख रुपये का लोन 20 साल के लिए ले रखा है तो उसकी ईएमआई केवल 5 महीनों में करीब 3000 रुपये तक बढ़ गई है।

त्योहारों में लोन लेने की घट गई क्षमता

लगातार रेपो रेट में बढ़ोतरी से न केवल पहले से लोन ले रखे ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा हो गया है। बल्कि उन ग्राहकों को अब ज्यादा पैसे चुकाने होंगे जो लोन लेने की तैयारी में हैं। इसका सीधा असर लोन लेने की क्षमता पर पड़ेगा। क्योंकि बैंक कर्ज देते समय ग्राहक की कर्ज देने की क्षमता देखते हैं। और वह उसकी इनकम से तय होती है। जो कि कर्ज महंगा होने घटती जाती है। साफ है कि त्योहारों के समय में जो लोग होम लोन लेने का प्लान कर रहे हैं, उन्हें कम लोन मिलेगा।

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