फटाफट लोन देने वाले ऐप पर कसेगी नकेल, 3000-4000 के लिए भी करती हैं ब्लैकमेल

Instant Loans App: इस तरह की ऐप्स गूगल प्ले स्टोर और ऐप्पल स्टोर पर भी मौजूद हैं। मगर लोन रिकवरी के लिए लोगों को परेशान करने वाली इन ऐप्स को अब इन प्लेटफॉर्म्स से हटाया जाएगा। आरबीआई जल्दी ही इस पर नये नियम तय करेगा।

Instant Loans App

इंस्टेंट लोन ऐप करती हैं परेशान

मुख्य बातें
  • इंस्टेंट लोन ऐप करती हैं लोगों को परेशान
  • अब सरकार उठाएगी सख्त कदम
  • आरबीआई लाएगा नये नियम

Instant Loans App: मजबूरी में लोगों को कर्ज लेना ही पड़ जाता है। मगर कर्ज लेते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप सही जगह से लोन लें। क्योंकि कई इंस्टेंट ऐप लोन कंपनियों के लोगों को लोन रिकवरी को लेकर परेशान करने की रिपोर्ट्स सामने आई हैं। पर अब ऐसी ऐप्स पर सरकार नकेल कसने की तैयारी कर रही है। अब केवल उन्हीं कंपनियों को ऐप के जरिए लोन देने की अनुमति होगी, जिन्हें आरबीआई से मंजूरी मिली हो।

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गूगल प्ले और ऐपल स्टोर से हटेंगी ये ऐप्स

इस तरह की ऐप्स गूगल प्ले स्टोर और ऐप्पल स्टोर पर भी मौजूद हैं। मगर लोन रिकवरी के लिए लोगों को परेशान करने वाली इन ऐप्स को अब इन प्लेटफॉर्म्स से हटाया जाएगा। आरबीआई जल्दी ही इस पर नये नियम तय करेगा।

गूगल और ऐपल को निर्देश

सरकार की तरफ से गूगल और ऐपल को निर्देश भी दिए गए हैं कि वे ऐसे ऐप्स को, जो कि असुरक्षित या गैरकानूनी हैं, को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दें। दरअसल इस तरह की ऐप के जरिए इंस्टेट लोन मिलने पर लोगों के आत्महत्या करने की घटनाएं सामने भी आई हैं।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार केरल के एक व्यक्ति को लोन न लौटाने के लिए ब्लैकमेल किया जा रहा था, जिसके चलते उसने आत्महत्या कर ली। रिपोर्ट के अनुसार उसने एक ऐप से सिर्फ 5000 रुपये का कर्ज लिया था।

3000-4000 रु के लिए करती हैं परेशान

इस तरह की रिपोर्ट्स हैं कि ये ऐप 3-4 हजार रु जैसी छोटी रकम के लिए भी लोगों को परेशान करती हैं। पिछले साल मुंबई में घटी एक घटना में एक व्यक्ति ने एक ऐप को 6,000 का लोन चुकाने में 'विफल' रहा। जिस पर साइबर जालसाजों ने कथित तौर पर उसके दोस्तों और रिश्तेदारों को उसकी एक 'मोर्फ्ड' (एडिट की गई) तस्वीर भेज दी, जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली।

करीब 1050 ऐप्स हैं

देश में इंस्टेंट लोन वाली करीब 1050 ऐप्स हैं। इनमें से कई के काम करने के तरीके में अनियमितता पाई गई है। इस बीच आरबीआई ने एक पोर्टल सचेत (Sachet) भी शुरू किया है, जहां इन ऐप्स के परेशान करने की रिपोर्ट और शिकायत की जा सकती है।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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