Insurance: इंश्योरेंस पॉलिसीधारकों को ये 5 चीजें जरूर जाननी चाहिए, जानें IRDAI की नई गाइडलाइंस
Insurance New Rules: भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) पॉलिसीधारकों के हितों के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी को लेकर नियमों में बदलाव किए हैं। IRDAI ने बिजनेस प्लेस ओपन करने और आउटसोर्सिंग को लेकर कुछ बदलाव के सुझाव दिए हैं। विदेशी शाखाओं में कागजी कार्रवाई की कोई जरुरत नहीं है।
इंश्योरेंस को लेकर आई नई गाइडलाइंस
Insurance New Rules: भविष्य में अपने जीवन को सुरक्षित करने के लिए आप इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं। लेकिन उसके बारे में जाने बिना खरीदना उचित नहीं है। इसलिए इंश्योरेंस पॉलिसी लेने वालों को यहां बताए गए पांच चीजों पर जरूर ध्यान देना चाहिए। हाल ही में भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने पॉलिसीधारकों के हितों की सुरक्षा के लिए कई संशोधन लेकर आया है। नए संशोधन में इसे और आसान बनाया गया है और हितधारक अनुपालन दायित्वों को कम किया गया है। इंश्योरेंस कंपनियों के लिए भी नियम तय किए गए हैं। IRDAI ने बिजनेस प्लेस ओपन करने और आउटसोर्सिंग को लेकर कुछ बदलाव के सुझाव दिए हैं। अब विदेशी शाखा कार्यालयों के लिए कागजी कार्रवाई की कोई जरुरत नहीं है, जिससे बिजनेस में आसानी होगी।
- बैंक डिटेल: नए नियमों के मुताबिक बीमाकर्ता के लिए प्रपोजल चरण के दौरान बीमाधारक के बैंक खाते की जानकारी एकत्र करना अनिवार्य है। यह बदलाव रिफंड के इलेक्ट्रॉनिक ट्रांमिशन और क्लैम के पेमेंट की सुविधा के लिए किया गया है।
- अनिवार्य नॉमिनेशन: सर्कुलर के मुताबिक जीवन बीमा के लिए नॉमिनेशन के बिना कोई भी पॉलिसी ऑफर नहीं की जानी चाहिए।
- फ्री लुक अवधि: किसी भी चैनल के माध्यम से खरीदे गए बीमा के लिए फ्री लुक अवधि पॉलिसी दस्तावेज प्राप्त होने की तारीख से 30 दिन है। तीस दिन की लुक इन अवधि से पॉलिसीधारकों को इनदिनों इंश्योरेंस प्रोडक्ट को समझने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
- नॉमिनेशन प्रोविजन: नियमित और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए नॉमिनेशन नियम पेश किए गए हैं। अगर लागू हो तो लोग अपने साथ कुछ भी घटित होने की स्थिति में लाभ प्राप्त करने के लिए किसी को नॉमिनेट कर सकते हैं।
- इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म: जो इंश्योरेंस पॉलिसियां निर्धारित मानदंडों को पूरा करती हैं, उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी किया जाना चाहिए।
इन संशोधनों के अलावा ये हैं अन्य प्रस्ताव
अब ऑथरिटी को विज्ञापन भेजने की कोई जरुरत नहीं है। बिजनेस का स्थान खोलने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करने वाले बीमाकर्ताओं के लिए पहले से अनुमोदन की जरुरत नहीं है। अच्छी वित्तीय स्थिति और ट्रैक रिकॉर्ड वाले बीमाकर्ता IFSCA समेत विदेश में शाखाएं खोल सकते हैं। इसके अलावा विदेशी शाखा कार्यालयों के लिए कुछ कागजी कार्रवाई की अब जरुरत नहीं है। बीमाकर्ताओं को आउटसोर्सिंग की रिपोर्ट करना आवश्यक है। हालांकि उन्हें वार्षिक रिपोर्ट में जरूरी खुलासा करना होगा।
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