FDI In Insurance Sector: इंश्योरेंस सेक्टर में 9 सालों में आया 54000 करोड़ रु का FDI, बीमा कंपनियों की संख्या हुई 70
FDI In Insurance Sector: विदेशी निवेश संबंधी नियमों को अधिक उदार बनाने से बीमा सेक्टर में पिछले नौ साल में करीब 54,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया है। जनवरी, 2024 तक बीमा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की संख्या 53 से बढ़कर 70 हो गई।



इंश्योरेंस सेक्टर की कंपनियों को मिला 54000 करोड़ रु का FDI
- बीमा क्षेत्र में आया 54000 करोड़ का FDI
- बीमा कंपनियों की संख्या हुई 70
- बीमा क्षेत्र में 100% है एफडीआई सीमा
FDI In Insurance Sector: वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने कहा है कि विदेशी निवेश संबंधी नियमों को अधिक उदार बनाने से बीमा सेक्टर में पिछले नौ साल में करीब 54,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया है। जोशी ने कहा कि सरकार ने बीमा सेक्टर में एफडीआई की सीमा को 26 प्रतिशत से बढ़ाकर वर्ष 2015 में 49 प्रतिशत और फिर 2021 में संशोधित कर 74 प्रतिशत कर दिया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने इंश्योरेंस इंटरमीडियरी कंपनियों के लिए स्वीकृत एफडीआई सीमा को वर्ष 2019 में बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया था।
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बीमा कंपनियों की संख्या बढ़ी
जोशी के अनुसार सरकार के इन कदमों से दिसंबर, 2014 से जनवरी, 2024 के बीच बीमा कंपनियों में कुल 53,900 करोड़ रुपये का एफडीआई आया। जोशी ने कहा कि इस अवधि में जनवरी, 2024 तक बीमा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की संख्या 53 से बढ़कर 70 हो गई।
उन्होंने कहा कि बीमा उत्पादों की पहुंच वित्त वर्ष 2013-14 में 3.9 प्रतिशत थी, जो बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में चार प्रतिशत हो गई। वहीं इंश्योरेंस डेंसिटी 2013-14 के 52 डॉलर (4300 रु) से बढ़कर 2022-23 में 92 डॉलर (7600 रु) हो गया।
कैसे होती है इंश्योरेंस डेंसिटी की गणना
बीमा एक्सेस को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बीमा प्रीमियम के प्रतिशत के रूप में मापा जाता है जबकि इंश्योरेंस डेंसिटी की गणना जनसंख्या के अनुपात में बीमा प्रीमियम के रूप में की जाती है।
बीमा कंपनियों के एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 2013-14 में 21.07 लाख करोड़ रुपये थी जो लगभग तीन गुना होकर 60.04 लाख करोड़ रुपये हो गईं। वहीं कुल बीमा प्रीमियम मार्च, 2014 के 3.94 लाख करोड़ रुपये से दोगुना से अधिक होकर 10.4 लाख करोड़ रुपये हो गया।
सन 2000 में हुई थी बड़ी शुरुआत
अगस्त, 2000 में बीमा सेक्टर को निजी कंपनियों के लिए खोला गया था। वहीं विदेशी कंपनियों को 26 प्रतिशत तक ओनरशिप की अनुमति दी गई थी। उस समय से कई विदेशी कंपनियों ने बीमा क्षेत्र में निवेश किया है।
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