Budget 2024:हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट महंगाई से हो लिंक, घटे GST-बीमा उद्योग

Health Insurance, Budget Expectations: स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में कमी और 80डी के तहत छूट सीमा में वृद्धि जैसे कर लाभ जैसे सुधार स्वास्थ्य बीमा को अधिक किफायती और सुलभ बनाएंगे

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बजट में हेल्थ इंश्योरेंस पर मिल सकती है रियायत

Health Insurance, Budget Expectations:बजट से पहले स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर छूट सीमा बढ़ाने तथा नई कर व्यवस्था में भी इसका लाभ देने की मांग बीमा उद्योग ने की है। इसके अलावा आयुष्मान भारत का विस्तार, कर्मचारियों को कम रेट पर बीमा, वरिष्ठ नागरिकों को कम रेट पर बीमा, चिकित्सा से जुड़े उपकरणों पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को कम करने जैसी अहम मांग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से की गई है। वित्त मंत्री23 जुलाई को 2024-25 का बजट पेश करेंगी।

मिले ज्यादा टैक्स छूट, हो महंगाई से लिंक
बीमा कंपनी फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनूप राऊ ने कहा कि देशभर में स्वास्थ्य देखभाल की लागत में तेज बढ़ोतरी के बावजूद आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती की सीमा पिछले नौ साल से अपरिवर्तित बनी हुई है।उन्होंने कहा कि यह सबसे अच्छा होगा यदि चिकित्सा बीमा की सीमा महंगाई से जुड़ी हो और प्रत्येक एक-दो साल में खुद-ब-खुद इसमें संशोधन हो। साथ ही, नई कर व्यवस्था में भी स्वास्थ्य बीमा का लाभ बढ़ाने की आवश्यकता है क्योंकि इसकी पहुंच बढ़ाना महत्वपूर्ण है। इसीलिए, हमें उम्मीद है कि आगामी बजट में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर छूट सीमा में कुछ बढ़ोतरी की घोषणा की जाएगी।
बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी तपन सिंघल ने कहा कि कर्मचारियों को कम दरों पर स्वास्थ्य बीमा की पेशकश, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में कमी और 80डी के तहत छूट सीमा में वृद्धि जैसे कर लाभ जैसे सुधार स्वास्थ्य बीमा को अधिक किफायती और सुलभ बनाएंगे सिंघल ने कहा कि इसके अतिरिक्त वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए कटौती की सीमा हटाने से उनका वित्तीय बोझ काफी कम हो जाएगा।

कैंसर का इलाज महंगा, आयुष्मान भारत को हो विस्तार
राजीव गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट एंड रिसर्च सेंटर (आरजीसीआईआरसी) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डीएस नेगी ने कहा कि देश में कैंसर देखभाल में सुधार पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है...यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सभी मरीजों इन अत्याधुनिक उपचारों तक पहुंच हो। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत को 70 वर्ष से अधिक आयु वालों तक विस्तारित करना वरिष्ठ नागरिकों के लिए अत्यधिक फायदेमंद होगा। साथ ही इस बात पर भी गौर करने की जरूरत है कि पांच लाख रुपये की वर्तमान सीमा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए पर्याप्त नहीं है। इस बीमारी के उपचार की लागत 15-20 लाख रुपये तक हो सकती है।

कस्टम ड्यूटी घटे

मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एम-ताई) के अध्यक्ष पवन चौधरी ने कहा कि भारत में चिकित्सा उपकरणों पर लगाई गई कस्टम ड्यूटी और कर दुनिया में सबसे ज्यादा हैं और यह सीधे मरीजों को प्रभावित करते हैं।उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, सिंगापुर, हांगकांग, इटली और नॉर्वे जैसे देश इस तरह का कोई शुल्क नहीं लगाते हैं। ऑस्ट्रेलिया और जापान केवल न्यूनतम 0.5 प्रतिशत शुल्क लगाते हैं, जबकि अमेरिका में यह दो प्रतिशत और चीन में तीन प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि ऐसे में भारत में चिकित्सा उपकरणों के अवैध आयात का जोखिम है। इस तरह के व्यापार से देश के राजस्व में कमी आएगी।
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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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