SEBI : IPO की तरह निवेशकों को कारोबार के लिए UPI सुविधा, जानें कब और कैसे काम करेगा नया सिस्टम

SEBI: सेबी के निदेशक मंडल ने सोमवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके तहत पात्र शेयर ब्रोकरों को अगले साल एक फरवरी से या तो अपने ग्राहकों को द्वितीयक बाजार (नकद खंड) में यूपीआई आधारित ‘ब्लॉक’ व्यवस्था के उपयोग की अनुमति देनी होगी या फिर वे एक कारोबारी खाते में तीन सुविधाओं की पेशकश करेंगे।

सेबी की नई सुविधा

SEBI:पात्र शेयर ब्रोकरों को एक फरवरी से अपने ग्राहकों को शेयर की खरीद-बिक्री को लेकर यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) आधारित ‘ब्लॉक’ व्यवस्था के उपयोग की अनुमति देनी होगी । यूपीआई ब्लॉक व्यवस्था में, कारोबारी को ब्रोकर को पहले से पैसा देने की जरूरत नहीं होगी। वे अपने बैंक खातों में ब्लॉक धनराशि के आधार पर द्वितीयक बाजार में कारोबार कर सकेंगे। नई व्यवस्था में ब्रोकर को या तो अपने ग्राहकों को द्वितीयक बाजार (नकद खंड) में यूपीआई आधारित ‘ब्लॉक’ व्यवस्था के उपयोग की अनुमति देनी होगी या फिर वे एक कारोबारी खाते में तीन सुविधाओं की पेशकश करेंगे। यूपीआई आधारित ब्लॉक व्यवस्था एसबीए (एप्लीकेशन सर्पोटेड बाई ब्लॉक्ड एमाउंस्) जैसी होगी।

क्या मिलेगी सुविधा

सेबी के निदेशक मंडल ने सोमवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके तहत पात्र शेयर ब्रोकरों को अगले साल एक फरवरी से या तो अपने ग्राहकों को द्वितीयक बाजार (नकद खंड) में यूपीआई आधारित ‘ब्लॉक’ व्यवस्था के उपयोग की अनुमति देनी होगी या फिर वे एक कारोबारी खाते में तीन सुविधाओं की पेशकश करेंगे। पात्र शेयर ब्रोकर के ग्राहकों के पास विकल्प होगा कि वे या तो कारोबारी सदस्यों को कोष अंतरित कर कारोबार की मौजूदा सुविधा को जारी रखें या नई सुविधा का विकल्प चुनें। ब्रोकर एक कारोबारी खाते में तीन सुविधाओं की पेशकश करेंगे। तीन सुविधाओं के तहत बचत खाते, डीमैट खाते और कारोबारी खाते को जोड़ा जाता है। इस मामले में, ग्राहकों के बैंक खाते में उनकी धनराशि होगी और शेष राशि पर ब्याज मिलेगा।पात्र शेयर ब्रोकर (क्यूएसबी) को कारोबार के मौजूदा तरीके के अलावा, इन दो विकल्पों में से एक की पेशकश करनी होगी।

आईपीओ निवेशकों को मिलता है फायदा

बाजार नियामक सेबी ने जनवरी, 2019 से आईपीओ जैसे सार्वजनिक निर्गम के लिए मध्यस्थों के माध्यम से जमा किये जाने वाले खुदरा निवेशकों के आवेदनों को लेकर भुगतान व्यवस्था के रूप में धन को खाते में ही ब्लॉक करने की सुविधा शुरू की थी। इसके तहत आरबीआई द्वारा अनुमोदित यूपीआई का उपयोग शुरू किया था।

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