Petroleum Companies: रिकॉर्ड प्रॉफिट के बाद पेट्रोलियम कंपनियों के मुनाफे में कमी, पहली तिमाही में 90 फीसदी तक हुई गिरावट
Petroleum Companies Profits Declined: देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी IOC का नेट प्रॉफिट 81 फीसदी घटा है। यह चालू वित्त वित्त की पहली तिमाही में 2,643.18 करोड़ रुपये रहा है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी ने 13,750.44 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया था। वहीं एचपीसीएल का मुनाफा 90 फीसदी घटकर 633.94 करोड़ रुपये रह गया
न पेट्रोलियम कंपनियों आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल के प्रॉफिट में गिरावट।
Petroleum Companies Profits Declined: रिकॉर्ड मुनाफा दर्ज करने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों.. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) के अप्रैल-जून तिमाही के मुनाफे में 90 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। इसकी प्रमुख वजह रसोई गैस (एलपीजी) की लागत से कम दाम पर बिक्री है। देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी आईओसी का अप्रैल-जून तिमाही में एकल आधार पर नेट प्रॉफिट 81 फीसदी घटा है। यह चालू वित्त वित्त की पहली तिमाही में 2,643.18 करोड़ रुपये रहा है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी ने 13,750.44 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया था। तिमाही आधार पर भी कंपनी के मुनाफे में गिरावट आई है। इससे पिछली जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का मुनाफा 11,570.82 करोड़ रुपये रहा था।
एचपीसीएल का मुनाफा 90 फीसदी घटा
तिमाही के दौरान एचपीसीएल का मुनाफा 90 फीसदी घटकर 633.94 करोड़ रुपये रह गया, जबकि अप्रैल-जून, 2023 में यह 6,765.50 करोड़ रुपये और पिछली मार्च तिमाही में 2,709.31 करोड़ रुपये था। बीपीसीएल का नेट प्रॉफिट अप्रैल-जून में घटकर 2,841.55 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 10,644.30 करोड़ रुपये और जनवरी-मार्च तिमाही में 4,789.57 करोड़ रुपये था।
पिछले साल कमाया था मुनाफा
तीनों ईंधन खुदरा विक्रेताओं ने पिछले साल लागत में गिरावट के बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बरकरार रखकर अत्यधिक मुनाफा कमाया था। इन कंपनियों का तर्क था कि इससे पिछले साल लागत बढ़ने के बावजूद उन्होंने दाम नहीं बढ़ाए थे और नुकसान उठाया था। हालांकि, कीमतों को ‘फ्रीज’ करने का प्रॉफिट आम चुनाव से पहले पेट्रोल और डीजल के दाम में दो-दो रुपये प्रति लीटर की कटौती से जाता रहा।
इसके अलावा, तीनों पेट्रोलियम कंपनियों को एलपीजी की लागत से कम बिक्री पर सब्सिडी नहीं मिली है। इन कंपनियों द्वारा शेयर बाजारों को भेजी सूचना के अनुसार, आईओसी को अप्रैल-जून में एलपीजी की लागत से कम दाम पर बिक्री से 5,156.23 करोड़ रुपये, बीपीसीएल को 2,015.10 करोड़ रुपये और एचपीसीएल को 2,443.71 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार, जब एलपीजी सिलेंडर की बाजार निर्धारित कीमत (एमडीपी) ग्राहक के लिए इसकी प्रभावी लागत (ईसीसी) से कम होती है, तो पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) को भविष्य के समायोजन के लिए इस अंतर को एक अलग बफर खाते में रखना होता है। हालांकि, 30 जून, 2024 को, तीनों कंपनियों के नेट बफर नकारात्मक था।
आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने 2023-24 में रिकॉर्ड मुनाफा कमाया था
तीन पेट्रोलियम कंपनियों आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 81,000 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड मुनाफा कमाया था। यह तेल संकट से पहले के वर्षों में उनकी सालाना 39,356 करोड़ रुपये की कमाई से कहीं अधिक था।
आईओसी ने 2023-24 में 39,618.84 करोड़ रुपये का एकल नेट प्रॉफिट कमाया था, जबकि 2022-23 में यह 8,241.82 करोड़ रुपये था। बीपीसीएल ने वित्त वर्ष 2023-24 में 26,673.50 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया, जो 2022-23 में 1,870.10 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021-22 में 8,788.73 करोड़ रुपये था। इसी तरह एचपीसीएल ने 2023-24 में 14,693.83 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। वित्त वर्ष 2022-23 में उसे 8,974.03 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। वहीं 2021-22 में कंपनी ने 6,382.63 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था।
भाषा इनपुट के साथ
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