Gold Price Outlook: इस वक्त सोना खरीदना सही या नहीं, 2025 में अब तक बनाए नए रिकॉर्ड, एक्सपर्ट से जानें कब दांव लगाना रहेगा सही
Gold Price Future Outlook: साल 2025 के शुरुआती 94 दिनों में सोने की कीमतों ने निवेशकों को हैरान कर दिया है। 1 जनवरी को 24 कैरेट सोने की कीमत 76,162 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो 94 दिनों में 14,852 रुपये बढ़कर 91,014 रुपये तक पहुंच गई। लेकिन 5 और 6 अप्रैल को बाजार बंद रहने के बाद 7 अप्रैल को कीमतें अचानक 2,464 रुपये गिरकर 89,085 रुपये और अगले दिन 8 अप्रैल को 88,550 रुपये पर आ गईं।

और बढ़ सकते हैं सोने के रेट
- और बढ़ सकते हैं सोने के रेट
- एक्सपर्ट ने बताए कई कारण
- 1 लाख रु के करीब पहुंच सकते हैं रेट
Gold Price Future Outlook: साल 2025 के शुरुआती 94 दिनों में सोने की कीमतों ने निवेशकों को हैरान कर दिया है। 1 जनवरी को 24 कैरेट सोने की कीमत 76,162 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो 94 दिनों में 14,852 रुपये बढ़कर 91,014 रुपये तक पहुंच गई। लेकिन 5 और 6 अप्रैल को बाजार बंद रहने के बाद 7 अप्रैल को कीमतें अचानक 2,464 रुपये गिरकर 89,085 रुपये और अगले दिन 8 अप्रैल को 88,550 रुपये पर आ गईं। इसके बाद 9 अप्रैल से फिर तेजी शुरू हुई, और 11 अप्रैल को सोना 93,353 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो 12 अप्रैल तक बरकरार रहा। यह उथल-पुथल आखिर क्यों? आइए, समझते हैं।
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अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ विवाद रहा बड़ा कारण
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि 7-8 अप्रैल की गिरावट का कारण अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ विवाद था। डोनाल्ड ट्रंप की अस्पष्ट नीतियों और शेयर बाजार में गिरावट ने निवेशकों को सोने से हटाकर शेयरों की ओर धकेला, साथ ही डॉलर की मजबूती ने भी दबाव डाला।
लेकिन 9 अप्रैल से कीमतें 1,611 रुपये उछलकर 90,161 रुपये हुईं, क्योंकि ट्रेड वॉर और वैश्विक मंदी की आशंका ने सोने को सुरक्षित निवेश बनाया। इसके अलावा, रुपये में 4% की कमजोरी ने आयात लागत बढ़ाई, जिससे कीमतें चढ़ीं।
डॉलर में गिरावट भी तेजी की वजह
जानकारों के अनुसार, सोने की इस तेजी के पीछे डॉलर में 9% की गिरावट (12 अप्रैल को 99.50 अंक), ट्रम्प के 145% टैरिफ और चीन के 125% जवाबी टैरिफ, जियोपॉलिटिकल तनाव (रूस-यूक्रेन और चीन-म्यामांर), और भारत में रिटेल मांग (2024 में 850 मीट्रिक टन) मुख्य कारण हैं। 2024 में सोने ने 20% रिटर्न दिया, जो भरोसा बढ़ाता है।
बढ़ सकते हैं दाम
कई जानकार सलाह देते हैं कि सोने में निवेश सोच-समझकर करें, क्योंकि बड़े खिलाड़ियों के फैसले कीमतों को प्रभावित करते हैं। स्थिरता आने पर मांग घट सकती है, इसलिए लंबी अवधि के लिए निवेश बेहतर है। 2025 में सोना 99,000 रुपये और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 3,000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है।
इन वजहों से बढ़ेगा रेट
केंद्रीय बैंकों की ओर से सोने की खरीदारी और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों कटौती से सोने की कीमतें ऊपर जा सकती हैं। चांदी भी 92,929 रुपये प्रति किलोग्राम से 1.30 लाख रुपये तक पहुंच सकती हैं, क्योंकि सोना-चांदी का रेश्यो 89.3% से नीचे आ सकता है।
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