ईशा अंबानी ने टेक्नोलॉजी वर्कफोर्स में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर दिया जोर, कही ये बात

Isha Ambani: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की पुत्री ईशा ने यहां ‘सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) में बालिका दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लैंगिक भेद न केवल लैंगिक पूर्वाग्रह का प्रतीक है बल्कि यह नवाचार की राह में भी बाधा है।

Isha Ambani

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की पुत्री ईशा अंबानी

तस्वीर साभार : भाषा
Isha Ambani: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की निदेशक ईशा अंबानी ने देश के प्रौद्योगिकी कार्यबल में महिला-पुरुष समानता पर जोर देते हुए बुधवार को कहा कि महिलाओं को शिक्षक और ‘सॉफ्ट स्किल’ आधारित नौकरियों के लिए सबसे उपयुक्त मानने के पीछे सदियों पुरानी सामाजिक रुढ़िवादिता जिम्मेदार है। भारत के प्रौद्योगिकी कार्यबल में केवल 36 प्रतिशत महिलाएं हैं। वहीं विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) स्नातकों में महिलाएं का अनुपात सिर्फ 43 प्रतिशत है। वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और प्रौद्योगिकीविदों में महिलाओं की भागीदारी केवल 14 प्रतिशत ही है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की पुत्री ईशा ने यहां ‘सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) में बालिका दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लैंगिक भेद न केवल लैंगिक पूर्वाग्रह का प्रतीक है बल्कि यह नवाचार की राह में भी बाधा है। उन्होंने कहा कि अगर हमें अपनी जनसांख्यिकी स्थिति का लाभ उठाना है तो पुरुषों और महिलाओं दोनों को ही अपनी पूरी क्षमता से प्रदर्शन करना होगा। उन्होंने कहा कि एसटीईएम क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है और यह भारत से बड़ा अवसर छीन लेगा। अफसोस की बात है कि आज भी भारत के प्रौद्योगिकी कार्यबल में महिला-पुरुष विभेद है।
ईशा ने कहा कि सॉफ्टवेयर कंपनियों के निकाय नैसकॉम के मुताबिक, भारत के प्रौद्योगिकी कार्यबल में सिर्फ 36 प्रतिशत महिलाएं हैं। इसके लिए सदियों पुरानी सामाजिक रुढ़िवादिता को जिम्मेदार ठहराया जाता है, जैसे कि महिलाएं शिक्षक और सॉफ्ट स्किल वाली नौकरियों के लिए ही सबसे उपयुक्त हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी उद्योग के लगातार विकसित हो रहे परिदृश्य में कार्यबल में महिलाओं का कम प्रतिनिधित्व एक वास्तविकता है। उन्होंने कहा कि इस विभाजन को पाटना एक रणनीतिक अनिवार्यता है, जो उद्योग के साथ समाज के समग्र विकास के लिए भी जरूरी है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited