इजराइल-हमास की लड़ाई से संकट में अडानी समेत कई दिग्गज भारतीय अरबपति, कारोबार पर पड़ सकता है असर
Israel-Hamas War Update: अडानी ग्रुप ने कुछ समय पहले ही इजरायल का हाइफा पोर्ट खरीदा है। इसके लिए अडानी पोर्ट्स और इजराइल के गादोत ग्रुप ने हाइफा पोर्ट के लिए मिलकर बोली लगाई थी, जो करीब 9800 करोड़ रु की थी।
इजराइल-हमास युद्ध में क्या हो रहा
- इजराइल-हमास जंग में 500 लोग मारे गए
- भारतीय कारोबारियों पर पड़ सकता है असर
- अडानी ग्रुप, विप्रो और टेक महिंद्रा लिस्ट में शामिल
Israel-Hamas War Update: इजराइल और हमास (Israel-Hamas War) के बीच एक बार फिर से जंग छिड़ गई है। हमास ने हमले की पहली की, जिसके बाद इजराइल ने ऐलान-ए-जंग कर दिया। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार इस लड़ाई में अब तक 300 जानें जा चुकी हैं। वहीं भारत सरकार ने वहां मौजूद अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। बता दें कि इस लड़ाई का असर कारोबार पर भी पड़ सकता है। गौतम अडानी (Gautam Adani) समेत भारत के कई दिग्गज अरबपति कारोबारियों को इससे नुकसान हो सकता है। आगे जानिए कैसे।
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अडानी ग्रुप को क्या नुकसान
अडानी ग्रुप ने कुछ समय पहले ही इजरायल का हाइफा पोर्ट खरीदा है। इसके लिए अडानी पोर्ट्स (Adani Ports) और इजराइल के गादोत ग्रुप ने हाइफा पोर्ट के लिए मिलकर बोली लगाई थी, जो करीब 9800 करोड़ रु की थी।
इस पोर्ट में अडानी ग्रुप के पास 70 प्रतिशत और गादोत समूह के पास 30 फीसदी हिस्सेदारी है। हाइफा पोर्ट बहुत अहम है, क्योंकि ये शिपिंग कंटेनर के लिहाज से इजराइल का दूसरा सबसे बड़ा पोर्ट है। वहीं टूरिस्ट क्रूज शिप के लिहाज से ये इजराइल में नंबर 1 है।
इन अरबतियों के भी कारोबार पर पड़ सकता है असर
इंफोसिस, टेक महिंद्रा और विप्रो इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग कुछ अन्य प्रमुख भारतीय कंपनियों में शामिल हैं जिन्होंने इजाराइल में निवेश किया है। इंफोसिस ने इजराइल की क्लाउडिन में 2016 में 4 मिलियन डॉलर (आज के हिसाब से 33.3 करोड़ रु) का निवेश किया है।
इंफोसिस के अलावा विप्रो ने भी इजराइल के साइबरसिटी स्टार्टअप IntSights Cyber Intelligence में 1.5 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। मगर बाद में अपनी हिस्सेदारी को 19.17 मिलियन डॉलर में अपनी हिस्सेदारी बेच दी थी।
टेक महिंद्रा इजराइल में काफी एक्टिव
टेक महिंद्रा 2014 से इज़राइल में एक्टिव है जब उसने टेलीकॉम कंपनियों के लिए नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर लीडकॉम इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस लिमिटेड को खरीदा था। 2015 में कंपनी ने इज़राइल में एक रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने के लिए इज़राइल स्थित कॉमवर्स इंक के साथ साझेदारी की घोषणा की।
भारत-इजराइल के बीच कारोबार
भारत-इजरायल के बीच ट्रे़ड कोविड महामारी से पहले के 41560 करोड़ रु था, जो जनवरी 2023 तक बढ़कर 62340 करोड़ रु हो गया। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार 1992 में यह कारोबार सिर्फ 1660 करोड़ रु था।
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