भारत-यूरोप कॉरिडोर का ऐलान होते ही चीन को बड़ा झटका, इटली छोड़ेगा वन बेल्ट-वन रोड
Italy Will Exit Chinese Belt and Road Initiative: इटली अपने इस फैसले से चीन द्वारा किसी भी निगेटिव रेस्पोंस को कम करने की कोशिश भी कर रहा है और इसके लिए एक रिप्लेसमेंट के रूप में चीन के साथ एक स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट को फिर से एक्टिव करने का लक्ष्य रखेगा।
इटली चीनी बेल्ट और रोड पहल से बाहर निकल जाएगा
- इटली चीन के बीआरआई से निकलेगा बाहर
- भारत-यूरोप कॉरिडोर के ऐलान के बाद फैसला
- जी7 देशों में अकेले इटली है बीआरआई में शामिल
Italy Will Exit Chinese Belt and Road Initiative: जी-20 समिट (G-20 Summit) में भारत से यूरोप तक के स्पेशल इकोनॉमिक कोरिडोर को मंजूरी दी गई। इसे भारत-मिडिल-ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (India-Middle East-Europe Economic Corridor) कहा जा रहा है। ये इकोनॉमिक कॉरिडोर भारत से यूएई-सऊदी अरब होता हुआ यूरोप तक जाएगा। इस कॉरिडोर का ऐलान होते ही चीन को झटका लगा है। दरअसल इटली ने चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) से बाहर निकलने का ऐलान कर दिया है, जिसे वन बेल्ट-वन रोड भी कहा जाता है।
दूसरे समझौते पर फोकस करेगा इटली
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार इटली अपने इस फैसले से चीन द्वारा किसी भी निगेटिव रेस्पोंस को कम करने की कोशिश भी कर रहा है और इसके लिए एक रिप्लेसमेंट के रूप में चीन के साथ एक स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट को फिर से एक्टिव करने का लक्ष्य रखेगा, जिसका मकसद दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है।
जी7 में से अकेला देश, जो बीआरआई में हुआ शामिल
इटली बीआरआई पर साइन करने वाला G7 देशों में अकेला है। बीआरआई चीन के ऐतिहासिक सिल्क रोड पर आधारित एक ग्लोबल ट्रेड और इंफ्रास्ट्रक्चर प्लान है। इटली के राजनेताओं ने 2019 में मौजूद पिछली सरकार द्वारा साइन किए गए बीआरआई समझौते पर सवाल उठाए हैं। दरअसल बीआरआई को चाइनीज प्रभाव के विस्तार का जरिया माना जाता है।
अमेरिका नहीं कोई प्रभाव
रिपोर्ट में कहा गया है कि इटली ने चीन को बताया कि उनके इस फैसले के पीछे अमेरिका नहीं है। अगले साल इटली को जी7 की अध्यक्षता मिलनी है और माना जा रहा है कि बीजिंग के साथ अपने संबंधों को नए सिरे से तैयार करने से उसके पश्चिमी सहयोगी संतुष्ट होंगे।
बीआरआई से बाहर निकलने की जानकारी इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) ने चीन के प्रधानमंत्री को दी है।
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