Work Hour Debate: ITC चेयरमैन ने ली ‘90 घंटे काम’ वाले विवाद में एंट्री, कह डाली ये बड़ी बात

आईटीसी लिमिटेड के चेयरमैन संजीव पुरी ने सप्ताह में 90 घंटे काम करने के विवाद पर कहा है कि कर्मचारियों के लिए कामकाजी घंटे निर्धारित करने के बजाय उन्हें कंपनी के व्यापक दृष्टिकोण के साथ जोड़ना अधिक महत्वपूर्ण है। पुरी ने कहा कि दूरदर्शिता, मूल्य और जीवंतता ही आईटीसी का सार है। देश में यह बहस ऐसे में शुरू हुई जब चीन में पहले से कार्य-जीवन संतुलन एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है।

ITC चेयरमैन ने ली ‘90 घंटे काम’ वाले विवाद में एंट्री

Work Hour Debate: आईटीसी लिमिटेड के चेयरमैन संजीव पुरी ने सप्ताह में 90 घंटे काम करने के विवाद पर कहा है कि कर्मचारियों के लिए कामकाजी घंटे निर्धारित करने के बजाय उन्हें कंपनी के व्यापक दृष्टिकोण के साथ जोड़ना अधिक महत्वपूर्ण है। पुरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘ आप किसी राजमिस्त्री से पूछें कि वह क्या कर रहा है, तो वह कह सकता है कि वह ईंट लगा रहा है, कोई कह सकता है कि वह दीवार बना रहा है। वहीं कोई कह सकता है कि वह महल बना रहा है। यह श्रमिकों का अपना-अपना नजरिया है।’’ कर्मचारियों को निश्चित घंटों तक काम करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ हम ऐसा नहीं करेंगे।’’

लोग बनें कंपनी की यात्रा का हिस्सा

पुरी ने कहा, ‘‘ हम चाहते हैं कि लोग (कंपनी की) यात्रा का हिस्सा बनें और जोश से इसमें शामिल हों तथा उद्यम में बदलाव लाने की उनमें इच्छा हो...हम इसे इस तरह देखते हैं।’’आईटीसी सिगरेट से लेकर उपभोक्ता वस्तुओं तक के कारोबार में है। उन्होंने कहा, ‘‘ कंपनी लचीले कामकाजी माहौल पर जोर देती है जिसमें सप्ताह में दो दिन घर से काम करना भी शामिल है।’’ आईटीसी के चेयरमैन ने कहा, ‘‘ तो यह प्रत्येक व्यक्ति के कामकाजी घंटों पर नजर रखने के बारे में नहीं है। यह उनको सक्षम बनाने, उन्हें उनकी क्षमता का पूर्ण इस्तेमाल करने योग्य बनाने में मदद करने और फिर उनके द्वारा हासिल लक्ष्य की समीक्षा करने के बारे में है। ’’

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