ITR Filing 2024: इनकम टैक्स नोटिस से बचने के लिए कर लें ये 10 काम
ITR Filing 2024: वित्तीय वर्ष 2023-24 और एसेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया जा रहा है। आप भी आईटीआर फाइल कर चुके होंगे या करने वाले होंगे। अगर अभी तक नहीं किया है तो पहले सभी दस्तावेज तैयार कर कर लें। ताकि आपको इनकम टैक्स नोटिस का सामना न करना पड़े।
आईटीआर के लिए जरूरी बातें (तस्वीर-Canva)
ITR Filing 2024: वित्तीय वर्ष 2023-24 और एसेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने का टाइम चल रहा है। इंडिविजुअल टैक्सपेयर के लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 है जब तक कि सरकार डेडलाइन में विस्तार नहीं करती। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पिछले कुछ वर्षों में प्री-फाइल किए गए ITR आदि के जरिये इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने को आसान बनाकर टैक्सपेयर्स के लिए बेहतर बनाने की कोशिश की है। नीचे कुछ सुझावों है जिसके जरिये टैक्सपेयर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनके ITR सही तरीके से दाखिल किए गए हैं या नहीं और वे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और अन्य किसी मामलों को लेकर संभावित पूछताछ से भी बच सकते हैं।
सही ITR फॉर्म का चयन
आय की सही रिपोर्टिंग, कटौती और क्रेडिट का दावा करने के लिए सही ITR फॉर्म का इस्तेमाल करना जरूरी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ऐसे गलत चयन के मामले में टैक्स को दोषपूर्ण रिटर्न का नोटिस जारी कर सकता है। इसलिए आय स्रोतों, आवासीय स्थिति और अन्य मानदंडों के आधार पर उचित ITR फॉर्म का चयन किया जाना चाहिए।
टैक्स रिजीम का चयन
वित्त वर्ष 2023-24 से नई टैक्स रिजीम डिफॉल्ट टैक्स रिजीम के तौर पर अनिवार्य कर दिया गया है। अगर कोई टैक्सपेयर पुरानी टैक्स रिजीम को चुनना चाहता है तो उसके लिए ITR फॉर्म में एक विकल्प का चयन करना होता है क्या आप नई व्यवस्था से बाहर निकलना चाहते हैं? जिसमें 'हां' का चयन करना होता है। कौन सी रिजीम आपके लिए फायदेमंद है इनकम टैक्स पोर्टल पर उपलब्ध टैक्स कैलकुलेटर के जरिये जान सकते हैं।
स्रोत पर एकत्रित टैक्स (TCS)
टीसीएस, खरीदार से विभिन्न खर्चों (कार खरीद, विदेश यात्रा, विदेश से भेजा हुआ धन) पर एकत्र किया जाने वाला टैक्स है। टीसीएस का डिटेल फॉर्म 26AS और AIS में उपलब्ध होता है। टैक्सपेयर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह क्रेडिट पूरी तरह से दर्शाया गया है क्योंकि वे ITR फॉर्म भरते समय TCS का क्रेडिट लेने के पात्र हैं।
टैक्स क्रेडिट
ITR दाखिल करते समय, टैक्सपेयर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पहले से काटे गए या भुगतान किए गए टैक्स को फॉर्म ITR में रिपोर्ट किया गया है और केवल बैलेंस टैक्स देयता का भुगतान किया गया है। TCS के मामले, TDS के डिटेल, अग्रिम टैक्स और भुगतान किए गए सेल्फ एसेसमेंट टैक्स का डिटेल भी फॉर्म 26AS और AIS में उपलब्ध होता है। संबंधित राशियों का पूरा क्रेडिट पाने के लिए, टैक्सपेयर को फॉर्म के संबंधित सेक्शन में डिटेल (यानी TAN, डिपॉजिट डेट, चालान क्रमांक आदि) का सटीक उल्लेख करना चाहिए।
आय का मिलान
इनकम टैक्स पोर्टल पर उपलब्ध फॉर्म 16/16A, फॉर्म 26AS (टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट), AIS (एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट) आदि में दिखाई देने वाली आय डिटेल का मिलान करना अनिवार्य है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आय के सभी स्रोतों का खुलासा किया गया है, अन्यथा इससे ब्याज और जुर्माना लग सकता है।
नुकसान क्लैम
टैक्सपेयर को वर्तमान और पिछले वर्षों के दौरान हुए सभी पात्र नुकसानों का क्लैम करना चाहिए, जिससे टैक्स की बचत हो सकती है। साथ ही पिछले क्लैम न किए गए नुकसान जिन्हें अगले वर्ष के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है, उन्हें फॉर्म ITR की उचित शेड्यूल में रिपोर्ट किया जाना चाहिए।
विदेशी संपत्तियों की घोषणा
हाल ही में टैक्सपेयर्स को दूसरे देशों में निवेशों के डिटेल की जानकारी दी जानी चाहिए। इसलिए अगर आप रेजिडेंट और सामान्य रेजिडेंट के रूप में अर्हता प्राप्त करते हैं और आपके पास विदेशी संपत्ति है तो इनकम टैक्स रिटर्न में ऐसी संपत्तियों की उचित रूप से रिपोर्ट करना आवश्यक है।
बैंक खातों का डिटेल
आईटीआर में टैक्स वापसी के मामले में टैक्सपेयर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एक्टिव और मान्य बैंक अकाउंट का डिटेल यानी अकाउंट नंबर, आईएफएससी कोड, बैंक का नाम आदि सही ढंग से उल्लेख किया गया है।
समय सीमा का पालन
समय सीमा के भीतर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करने के कई परिणाम हैं जैसे विलंब शुल्क, जुर्माना लग सकता है। साथ ही मनमाफिक टैक्स रिजीम का विकल्प नहीं चुना सकते हैं और पूंजीगत घाटे को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। इसलिए ऐसे प्रभावों से बचने के लिए हमेशा समय सीमा के भीतर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना चाहिए।
वेरिफिकेशन
इनकम टैक्स पोर्टल पर आईटीआर जमा करने के बाद अंतिम चरण रिटर्न दाखिल करने से 30 दिनों के भीतर रिटर्न का वेरिफिकेशन होता है। वेरिफिकेशन या तो आधार या नेट बैंकिंग के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी के जरिये किया जा सकता है या फिर ITR-V की हस्ताक्षरित प्रति CPC बैंगलोर ऑफिस को भेजकर किया जा सकता है। निर्धारित समय के भीतर वेरिफिकेशन के बिना आईटीआर को अमान्य माना जाएगा।
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