ITR Filing 2024: इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के दौरान एरियर पर कैसे पाएं राहत? जानें डिटेल

ITR Filing 2024: इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग फाइल करने जा रहे हैं, कभी-कभी वेतन देर से मिलता है। कभी ऐसा भी होता है पिछले फाइनेंशियल ईयर का कुछ वेतन अगले फाइनेशियल ईयर में मिलता है। जो बकाया यानी एरियर कहलाता है। यहां जानिए इस पर लगने वाले टैक्स से राहत कैसे पाएं।

एरियर पर इनकम टैक्स से कैसे पाएं राहत (तस्वीर-Canva)

ITR Filing 2024: इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग का मौसम चल रहा है। टैक्सपेयर्स टैक्स बचाने के लिए दस्तावेज जुटाने में लगे हैं। लेकिन कभी-कभी बकाया वेतन या अतिरिक्त भुगतान जैसे विलंबित वेतन, पेंशन या किराया मिलता है तो टैक्स देनदारी काफी बढ़ सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन भुगतानों को चालू वित्तीय वर्ष की कुल आय में जोड़ा जाता है, जो संभावित रूप से व्यक्ति को हायर टैक्स दायरे में आ जाता है और जिससे हाई टैक्स बिल बनता है। यहां हम एरियर बात कर रहे हैं एरियर पर लगने वाले टैक्स से कैसे राहत पा सकते हैं।

एरियर की वजह से टैक्स देनदारी क्यों बढ़ती है?

अब आपके मन में यह सवाल आ रहा है कि एरियर की वजह से टैक्स देनदारी क्यों बढ़ जाती है। जैसा कि आप जानते हैं, एरियर पिछले वर्षों का भुगतान है लेकिन चालू वर्ष में प्राप्त हुआ है। आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं। अगर किसी कर्मचारी को वेतन एरियर मिलता है जो पिछले वित्त वर्ष में मिलने वाला था तो इन एरियर को उस वर्ष की आय में जोड़कर टैक्स लगाया जाता है, जिस वह वह मिलता है। यानी प्राप्त बकाया राशि आपके टैक्स देनदारी वाले वर्ष की कुल आय में जोड़ दी जाती है। इससे बकाया राशि पर टैक्स की दर ऊंची हो सकती है।

ITR फाइलिंग के दौरान एरियर राहत कैसे पाएं?

  • ऐसी आय के लिए नियम हैं। इस बोझ को कम करने के लिए टैक्सपेयर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 89(1) के तहत राहत मांग सकते हैं।
  • यह प्रावधान एरियर प्राप्त करने के टैक्स प्रभाव को कम करने में मदद करता है। यह प्रावधान टैक्स कम करने में फायदेमंद है।
  • चालू वर्ष के लिए टैक्स की गणना करें। उस वर्ष के लिए टैक्स देयता निर्धारित करें जिसमें एरियर प्राप्त हुआ है।
  • पिछले वर्ष के लिए टैक्स की गणना करें, निर्धारित करें कि अगर बकाया पिछले वर्ष में प्राप्त हुआ होता तो टैक्स देनदारी क्या होती।
  • राहत की गणना करें, इन दोनों राशियों के बीच का अंतर सेक्शन 89(1) के तहत मिलने वाली राहत है।
  • इस राहत का दावा करने के लिए टैक्सपेयर्स को अपना इनकम टैक्स रिटर्न के साथ फॉर्म 10E दाखिल करना होगा। यह फॉर्म विशेष रूप से बकाया राशि की रिपोर्ट करने और सेक्शन 89(1) के तहत राहत की गणना के लिए है।
End Of Feed