Jaiprakash Associates News: 57 हजार करोड़ के कर्ज वाली जेपी पर किसका होगा नियंत्रण, 12000 करोड़ का दांव! समझें पूरा मामला
Jaiprakash Associates News: जयप्रकाश एसोसिएट्स पर NARCL का नियंत्रण पक्का। ₹57,177 करोड़ के कर्ज में डूबे JAL के लिए ₹12,000 करोड़ की बोली पर कोई प्रतिस्पर्धा नहीं। जानें प्रक्रिया का पूरा विवरण।
जयप्रकाश एसोसिएट्स की CoC बैठक फिर स्थगित।
Jaiprakash Associates News: सरकार समर्थित नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) ने जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) पर नियंत्रण हासिल करने का रास्ता साफ कर लिया है। ₹12,000 करोड़ की उनकी बोली को चुनौती देने के लिए कोई अन्य बोली नहीं आई। प्रक्रिया सलाहकार IDBI कैपिटल मार्केट्स एंड सिक्योरिटीज (ICMS) ने बोली की समय सीमा 14 जनवरी तक बढ़ाई थी। हालांकि, किसी भी प्रतिस्पर्धी बोली के अभाव में NARCL एकमात्र बोलीदाता बनी। कंपनी ने शुक्रवार को अपनी फाइलिंग में कहा, “14 जनवरी 2025 की सूचना के संदर्भ में, हम सूचित करते हैं कि कंपनी की ऋणदाताओं की समिति की बैठक, जो 17 जनवरी 2025 को होने वाली थी, अब स्थगित कर दी गई है। अगली तारीख बाद में बताई जाएगी।”
JAL पर ₹57,177 करोड़ का कर्ज
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक नोएडा स्थित जयप्रकाश एसोसिएट्स पर ₹57,177 करोड़ का भारी कर्ज है। इसके प्रमुख ऋणदाताओं में भारतीय स्टेट बैंक (₹15,465 करोड़) और ICICI बैंक (₹10,443 करोड़) शामिल हैं। NARCL की बोली में 15% नकद और 85% सरकार द्वारा गारंटीकृत सुरक्षा रसीदें शामिल हैं। यह प्रस्ताव NARCL के लिए अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा और इसके धीमे प्रदर्शन को मजबूत करेगा।
NARCL का अनूठा ढांचा और अधिग्रहण का महत्व
NARCL का प्रस्ताव ऋणदाताओं को 23% की वसूली प्रदान करता है। यह संरचना इसे अन्य परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (ARCs) से अलग बनाती है। अधिग्रहण में सीमेंट प्लांट्स (9 मिलियन टन की क्षमता), यमुना एक्सप्रेसवे के पास रियल एस्टेट, लग्जरी होटल, अस्पताल, पावर प्लांट और बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट जैसी मूल्यवान संपत्तियां शामिल हैं।
भारत की सबसे बड़ी दिवाला प्रक्रियाओं में से एक
2017 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के निर्देशों के बाद JAL दिवालिया की प्रक्रिया में गया था। ₹12,000 करोड़ की बोली, वित्तीय वर्ष के अंत तक प्रक्रिया को पूरा करने और ऋणदाताओं के खातों में वसूली दर्ज करने का लक्ष्य रखती है।
यह बोली केवल वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के ₹65,000 करोड़ के मामले के बाद दूसरी सबसे बड़ी है। JAL का अधिग्रहण न केवल NARCL के लिए बल्कि भारत की उच्च-मूल्य वाले दिवाला मामलों को हल करने के प्रयासों में भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
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आशीष कुशवाहा author
आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesn...और देखें
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