मिलेट्स की खेती के लिए सरकार दे रही है पैसा, जानें कैसे करें आवेदन

Millets Cultivation Incentive: मोटे अनाजों यानी मिलेट्स की खेती को केंद्र सरकार तो बढ़ावा दे रही रही है इसके साथ राज्य सरकारों भी इसे आगे ले जाने का बीड़ा उठाया है। झारखंड सरकार मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि दे रही है। आइए जानते हैं इसका लाभ लेने के लिए कैसे आवेदन करें।

मिलेट्स की खेती के प्रोत्साहन राशि (तस्वीर-canva)

Millets Cultivation Incentive: डायबिटीज और मोटापा जैसी बीमारियों ने निजात पाने के लिए मोटे अनाजों यानी मिलेट्स का चलन बढ़ गया है। इसकी डिमांड दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है क्योंकि इसमें भारी मात्रा में पोषक तत्व और इम्युनिटी बढ़ाने वाले तत्व पाये जाते हैं। इस सब फायदों को देखते हुए सरकार 'श्री अन्न योजना' के तहत इसकी खेती को बढ़ावा दे रही है। किसानों को भी इसकी खेती से अच्छी कमाई हो रही है। मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है। झारखंड में भी मोटे अनाज की खेती के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को प्रोत्साहन राशि दे रही है। झारखंड सरकार मिलेट्स की खेती के लिए उन किसानों को मदद दे रही है जिनके पास कम से कम 1 एकड़ और अधिक से अधिक 5 एक एकड़ खेती के लिए जमीन है। जिस पर किसान मोटे अनाज की खेती करेंगे।

मिलेट्स की खेती के लिए मिलेंगे 3 से 15 हजार रुपए

झारखंड कृषि विभाग की यह योजना प्रदेश के किसानों के लिए वर्ष 2023-24 से लेकर 2027-28 पांच वर्षों तक के लिए लाई है। इस योजना तहत राज्य के सभी जिलों में किसानों को मोटे अनाज (मिलेट्स) की खेती पर अलग-अलग सब्सिडी राशि और खेती के लिए फसलों के बीज तक उपलब्ध कराए जाएंगे। किसानों को प्रति एकड़ 3000 रुपये की राशि दी जाएगी। इस तरह से अधिकतम 5 एकड़ के लिए किसानों को 15000 रुपये दिए जाएंगे। झारखंड कृषि विभाग ने वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना को प्रदेश के सभी 24 जिलों में लागू किया है।

इन किसानों को ही मिलेगा लाभ

मोटे अनाज (मिलेट्स) की खेती के तहत झारखंड में ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, सांवा की खेती के लिए प्रत्साहन दिया जा रहा है। इस योजना के तहत उन किसानों को प्रोत्साहन राशि मिलेगी, जिनके पास अपनी जमीन है। बटाई पर खेती करने वाले किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। यानी लीज पर लेकर इसकी खेती नहीं कर सकते हैं।
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