स्विगी, जोमैटो, ओला, उबर जैसी कंपनियों के वर्कर्स के लिए आ रहा नया कानून, ये होंगे बदलाव

Jharkhand’s Initiative for Gig Workers: बोर्ड के मेंबर का कार्यकाल तीन साल का होगा। बोर्ड समय-समय पर बैठक कर गिग वर्करों की समस्याओं व उसके निदान पर विचार करेगा। मॉनिटरिंग सिस्टम डेवलप किया जाएगा और कैंटीन, स्वास्थ्य सुविधा, कल्याणकारी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

New Rules for gig workers (image-Istock)

Jharkhand’s Initiative for Gig Workers: फूड डिलीवरी करने वालों से लेकर ऐप बेस्ड कंपनियों के लिए गाड़ियां चलाने वाले और इस नेचर के काम से जुड़े वर्कर्स के लिए झारखंड में कानून का ड्राफ्ट तैयार हो रहा है। ऐसे वर्कर्स को गिग वर्कर्स के रूप में जाना जाता है। इस कानून का प्रस्ताव जुलाई महीने में ही कैबिनेट में लाने और उसके बाद राज्य विधानसभा के मानसून सेशन में पारित कराए जाने की तैयारी है। राज्य के श्रम एवं नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने यह जानकारी दी।

क्यों पड़ी कानून की जरूरत?

प्रस्तावित कानून का नाम ‘झारखंड प्लेटफार्म बेस्ड गिग वर्कर रजिस्ट्रेशन एंड वेलफेयर एक्ट 2024’ रखा गया है। इसका लक्ष्य इंटरनेट और मोबाइल बेस्ड ऐप के जरिए संचालित कंपनियों के लिए काम करने वाले वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याणकारी योजनाओं और न्यूनतम मजदूरी से जुड़े प्रावधानों के दायरे में लाना है। इसके जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वर्कप्लेस और ड्यूटी के दौरान कर्मियों को आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
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