भारत दुनिया का ब्राइट स्पॉट,निवेशकों के लिए रेड कारपेट तैयार, युवाओं के टैलेंट से हैरत में दुनिया:मोदी
Karnataka Global Investors Summit 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कर्नाट ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2022 में शिरकत की। उन्होंने कहा कि कर्नाटक न केवल भारत में बल्कि दुनिया में निवेशकों के लिए मिसाल बन रहा है। ऐसे में भारत और कर्नाटक में निवेश का यह बेहतर मौका है, जिसका निवेशकों को फायदा उठाना चाहिए।
मुख्य बातें
- पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल भारत में रिकॉर्ड 84 अरब डॉलर का एफडीआई आया है।
- दुनिया भर की एजेंसिया भारत को ब्राइट स्पॉट बता रही है।
- भारतीय युवाओं का टैलेंट देखकर दुनिया हैरत में है।
Karnataka Global Investors Summit 2022: कर्नाटक के बेंगलुरू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कर्नाटक ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2022 में शिरकत की, तीन दिन चलने वाले इस समिट के उद्घाटन सत्र को ऑनलाइन संबोधित करते हुए पीएम मोदी (Narendra Modi) ने निवेशकों को न केवल भारत सरकार द्वारा किए गए बड़े सुधारों के बारे में जानकारी दी, बल्कि उन्होंने यह भी बताया कि कैसे वह समावेशी विकास की ओर कदम बढ़ा रही है। उन्होंने निवेशकों को भारत में निवेश के 5 बड़े मायने भी बताए। साथ ही उन्होंने कहा कि कर्नाटक न केवल भारत में बल्कि दुनिया में निवेशकों के लिए मिसाल बन रहा है। ऐसे में भारत और कर्नाटक में निवेश का यह बेहतर मौका है, जिसका निवेशकों को फायदा उठाना चाहिए।संबंधित खबरें
भारत में निवेश के 5 बड़े मायनेसंबंधित खबरें
प्रधानमंत्री ने निवेशकों से कहा कि भारत में जब वे निवेश करते हैं, तो इसका मतलब है कि वे समावेशी निवेश (Investment In Inclusion) कर रहे हैं। इसी तरह वे लोकतंत्र में निवेश करते हैं। यही नहीं भारत में निवेश का मतलब यह भी है कि निवेशक दुनिया के लिए निवेश कर रहा है। भारत में वह निवेश कर बेहतर धरती की दिशा में काम कर रहा है। साथ ही दुनिया को सुरक्षित बनाने की ओर कदम बढ़ा रहा है।संबंधित खबरें
अनिश्चितता के माहौल में भी भारत की ग्रोथ मिसालसंबंधित खबरें
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज कोविड-19 महामारी और युद्ध के कारण उतार-चढ़ाव का माहौल है। इसके बावजूद 21 वीं सदी में भारत जिस ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है, वह दुनिया को हैरान करती है। पिछले साल भारत में रिकॉर्ड 84 अरब डॉलर का एफडीआई आया है। लोगों की आकांक्षाएं घरेलू बाजार को मजबूत कर रही हैं। दुनिया भर की एजेंसियां भारत को ब्राइट स्पॉट बता रही हैं। और ऐसा तब हो रहा है, जब दुनिया में संघर्ष का दौर है।संबंधित खबरें
मजूबत कर रहे हैं फंडामेंटलसंबंधित खबरें
पीएम मोदी ने आज से 9-10 साल पहले देश में व्याप्त स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भारत नीतिगत जड़ता (Policy Paralysis) से जूझ रहा था। उसके बाद से सरकार ने बड़े कदम उठाते हुए इकोनॉमी के फंडामेंटल को मजबूत करने पर काम किया। भारत ने जो मुक्त व्यापार समझौते (FTA)विभिन्न देशों के साथ किए हैं, उससे दुनिया को हमारी तैयारी की झलक मिल रही है। हमारा जोर सरकार के बिजनेस करने के बजाय, उसके लिए जमीन तैयार करने पर है, जिससे लोग बिजनेस करने के लिए आगे आएं। संबंधित खबरें
इसके लिए युवाओं को नियमों में उलझने के बजाय,हमने उनके आइडिया को बढ़ाने का काम किया है। कानून को तर्कसंगत बनाया है।1500 से ज्यादा गैर जरूरी कानून को खत्म किया। 40,000 गैर जरूरी काम्पल्यांस को खत्म किया। कई कानूनों को डिक्रिमिनलाइज किया। फेसलेस एसेंसमेंट पर जोर है। जिससे पारदर्शिता बढ़ी है। इसके अलावा कॉरपोरेट टैक्स भी घटाया है। यानी सरकार हर क्षेत्र में बड़े रिफॉर्म कर रही है। यूपीआई के जरिए भारत में डिजिटल क्रांति हो रही है। नए सेक्टर में एफडीआई के रास्ते खोले गए हैं। इसके तहत अंतरिक्ष, डिफेंस सेक्टर को भी खोला गया है। हमने रेड टेप के जाल में उझलाने के बजाय रेड कारपेट का माहौल बनाया है। और इसी का परिणाम है कि औद्योगिक क्रांति 4.0 में भारतीय युवाओं का टैलेंट देखकर दुनिया हैरत में है। पिछले 8 साल में 80 हजार स्टार्टअप खड़े हो गए हैं। संबंधित खबरें
कर्नाटक में डबल इंजन से कमालसंबंधित खबरें
प्रधानमंत्री मोदी ने कर्नाटक के विकास मॉडल की प्रशंसा करते हुए कहा कि डबल इंजन की वजह से राज्य तेजी से विकास कर रहा है। उसके पास डबल इंजन की पॉवर है। और उसी का नतीजा है कि इंज ऑफ डूइंग बिजनेस में कर्नाटक को टॉप राज्यों में जगह मिली है। इसी तरह एफडीआई में वह टॉप राज्यों में जगह रखता है। फॉर्च्यून 500 की ज्यादातर कंपनियां यहीं हैं। जब भी टैलेंट और तकनीकी की बात आती है, तो सबसे पहले ब्रांड बंगलुरू जेहन में आता है, यह नाम भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में स्थापित हो चुका है। यही कारण है कि भारत में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न में से 40 कर्नाटक में हैं। इसी विकास की वजह से कर्नाटक अब कई देशों को चुनौती दे रहा है। मोदी ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि इस समिट की वजह से जो हजारों करोड़ के निवेश समझौते होंगे, उससे नौकरियों के भी नए अवसर पैदा होंगे।संबंधित खबरें
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प्रशांत श्रीवास्तव author
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