5G को लेकर कई भ्रम, जानें क्या है हकीकत
5G Service: भारती एयरटेल ने दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और वाराणसी समेत आठ शहरों में 5जी की पेशकश करनी शुरू कर दी है। वहीं रिलायंस जियो दीपावली तक चार मेट्रो शहरों में 5जी सेवा शुरू करेगी। वोडाफोन आइडिया ने फिलहाल इसकी शुरुआत की कोई टाइमलाइन नहीं दी है।

5G से जुड़ी कई आशंकाएं, क्या उनका सच जानते हैं आप?
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अत्यधिक तेज स्पीड की इंटरनेट सुविधा देने वाली 5जी सर्विस (5G Service) की शुरुआत कर दी है, लेकिन पीएम ने 'इंडियन मोबाइल कांग्रेस' 2022 (IMC) में देश के कुछ चुनिंदा शहरों में 5जी इंटरनेट सर्विस का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत टेलिकॉम की 2G, 3G और 4G टेक्नोलॉजी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था, लेकिन 5जी सर्विस के मामले में देश ने इतिहास रच दिया है। एक ओर जहां पीएम मोदी ने कहा कि देश में 5जी से बेशुमार अवसर पैदा होने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर इसके निगेटिव प्रभाव की भी चर्चा हो रही है।
क्या
कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि 5जी सर्विस से कैंसर होने का खतरा है, लेकिन अभी इसे लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। इसलिए इसे पूरी तरह से सही या खारिज भी नहीं माना जा सकता है। इसे लेकर स्टडी की जा रही है। दरअसल एक्सपर्ट्स के अनुसार, ज्यादा एनर्जी और ज्यादा फ्रीक्वेंसी वाले रेडिएशन से कैंसर होने का खतरा होता है। वैसे तो 4G के मुकाबले 5G नेटवर्क की फ्रीक्वेंसी ज्यादा है, लेकिन हो सकता है कि यह इतनी भी ज्यादा न हो जो हमारे शरीर के टिशूज को नुकसान पहुंचाए। एक्सपर्ट्स की मानें, तो मोबाइल नेटवर्क टेक्नोलॉजी सिर्फ तभी नुकसानदायक होती है जब यह शरीर के टिशूज को गर्म करने लगे। विशेषज्ञों द्वारा पूरी रिसर्च के बाद ही यह कहा जा सकता है कि 5जी कितना खतरनाक है।
क्या हवाई जहाज के लिए खतरनाक हो सकता है 5G?
5जी टेक्नोलॉजी का हवाई जहाज पर कितना असर होगा, इसकी स्थिति पूरी तरह साफ नहीं है। रिपोर्ट्स की मानें, तो कुछ समय पहले अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने चेताया था कि 5जी की वजह से कुछ विमानों की ऊंचाई की रीडिंग करने की क्षमता प्रभावित हुई है और साथ ही इससे विमान के आल्टीमीटर्स भी प्रभावित हो सकते हैं। आल्टीमीटर्स से पता चलता है कि विमान जमीन से कितनी ऊंचाई पर उड़ा रहा है।
क्या पक्षियों की जान को है खतरा?
नवीनतम टेक्नोलॉजी, 5जी से पक्षियों को कोई खतरा नहीं है। हालांकि, उन्हें मोबाइल टावर से से खतरा जरूर हो सकता है। कुछ समय पहले कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया था कि नीदरलैंड में 5जी नेटवर्क की टेस्टिंग की वजह से सैकड़ों पक्षियों की मौत हो गई थी, लेकिन ये सच नहीं है। हेल्थ काउंसिल ऑफ द नीदरलैंड्स के मेंबर और ICNIRP के प्रेसिडेंट डॉक्टर एरिक वान रोंगन के मुताबिक, 5G टेक्नोलॉजी से पक्षियों की मौत तभी हो सकती है जब इससे निकलने वाले रेडिएशन से नुकसान पहुंचाने वाली गर्मी पैदा हो।
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